उरई /जालौन (मानवी मीडिया) उरई सहित पूरे जालौन जिले में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मिश्रित गुटखा पर सख्त प्रतिबंध के बावजूद "बादशाह गुटखा" की खुलेआम बिक्री हो रही है। वर्षों से यह गुटखा धड़ल्ले से बिक रहा है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। आखिर क्यों नहीं की जा रही इस पर ठोस कार्रवाई? क्या अधिकारी भी इस गोरखधंधे में संलिप्त हैं?
कहां-कहां बिक रहा है बादशाह गुटखा?सूत्रों के अनुसार, जिले के कई प्रमुख बाजारों, पान मसाला दुकानों और यहां तक कि छोटे गांवों में भी यह गुटखा आसानी से उपलब्ध है।
उरई: स्टेशन रोड, झांसी रोड, कोंच बस स्टैंड, बड़ा बाजार, पुरानी नझाई
कोंच: मुख्य बाजार, नई सड़क, पचोखरा रोड
माधौगढ़: बस स्टैंड, मुख्य चौक, बाजार इलाका
कालपी: टरननगंज बाजार, यमुना पुल के पास
रामपुरा, आटा, सिरसाकलार, नदीगांव सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में भी इस गुटखे की बिक्री जारी है।
प्रशासनिक कार्रवाई क्यों नहीं?
स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि प्रतिबंधित गुटखे की बिक्री पर रोक लगाई जाए, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारी खुद इस खेल में शामिल हैं या फिर मोटी रिश्वत लेकर आंखें मूंदे हुए हैं।
सवाल जो उठ रहे हैं:
1. जब मिश्रित गुटखा पर प्रतिबंध है, तो बादशाह गुटखा की बिक्री क्यों हो रही है?
2. प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग ने अब तक कितनी जांचें कीं और कितनी कार्रवाई हुई?
3. गुटखा कारोबारियों को कौन बचा रहा है?
स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा
गुटखा सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा रहता है। बावजूद इसके, जिले में धड़ल्ले से इसकी बिक्री जारी है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
जनता की मांग:
जिले में बादशाह गुटखा की आपूर्ति और बिक्री पर तत्काल रोक लगे।
गुटखा माफियाओं और उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों की जांच हो।
दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
अगर प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो जनता सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगी। अब देखना यह है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी कब तक इस मामले को दबाते रहेंगे, या फिर जनता की आवाज सुनकर ठोस कदम उठाएंगे?
ब्यूरो रिपोर्ट
सोनू महाराज