जबलपुर (मानवी मीडिया): मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां डॉक्टरों ने एक जीवित मरीज को कागजों में मृत घोषित कर दिया। जबकि मरीज अस्पताल के सर्जरी आईसीयू में भर्ती है और जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है।
मृत घोषित किए गए मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की इस गंभीर लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि डॉक्टरों ने बिना जांच किए मरीज को मृत घोषित कर दिया, जिससे मरीज के परिवार को गहरा सदमा लगा है। परिजनों ने इस घटना का वीडियो भी बनाया है, जिसमें मरीज जीवित दिखाई दे रहा है। मरीज के बेटे ने बताया कि एक महिला डॉक्टर ड्यूटी पर थीं, जिन्होंने यह डेथ सर्टिफिकेट हाथों में थमा दिया. ये देखकर वह दौड़कर अपने पिता के पास पहुंचे और देखा की पिताजी की सांसें चल रही हैं।
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने अपनी गलती का एहसास होने के बाद मरीज का इलाज बंद कर दिया। इस घटना को लेकर मरीज के बेटे आयुष्मान शुक्ला ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है और लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की इस गलती से उनके पिता की जान को खतरा हो सकता है।इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने अपनी सफाई में कहा है कि मरीज को मृत घोषित करने से पहले सभी मापदंडों की जांच की जाती है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर प्रशिक्षित नहीं थे, जिसकी वजह से यह गलती हुई। अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।