लखनऊ : (मानवी मीडिया) सुदर्शन फैसिलिटीज एजेंसी पर केजीएमयू में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाया है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने केजीएमयू की कुलपति को पत्र लिखकर कहा है कि एजेंसी उनसे अनुचित सेवा शर्तें मानने के लिए मजबूर कर रही है, इसके लिए फार्म भरा रही हैं। केजीएमयू प्रशासन से कर्मचारियों ने मदद करने की गुहार लगाई है। पत्र में कहा गया है
केजीएमयू में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारी लंबे समय से पूरी ईमानदारी के साथ काम करते आ रहे हैं। उसके बाद भी उन पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है, जिससे कर्मचारी आक्रोशित हो रहे हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि समय-समय पर सेवा प्रदाता फर्म यानी कि एजेंसी बदलती रहती है। नई आने वाली कंपनी नये नियम बनाती है और कर्मचारियों पर थोपती है। इस बार नव चयनित सेवा प्रदाता एजेंसी सुदर्शन फैसिलिटीज ने भी नये नियम बना दिये हैं।
नये नियम के तहत शपथ पत्र देना जरूरी कर दिया गया है। मै ईमानदारी और मेहनत से मेरा काम करूंगा। मैं संस्थान में किसी भी प्रकार की हड़ताल का हिस्सा नहीं बनूंगा। मैं किसी भी तरह का संघ, यूनियन नहीं बनाऊंगा। मेरा किसी भी पुलिस स्टेशन मे कोई भी पिछला आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज नहीं है। मैं कंपनी के नियम का पालन करूंगा और कंपनी के अनुसार काम करूंगा और कंपनी को नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। कंपनी आपको आपके कार्य के अनुसार पूरे भारत वर्ष में कही भी आपकी सेवाओं को बदल सकती है।बताया जा रहा है कि कर्मचारी शपथ पत्र में इस बात पर भी साइन करेंगे, जिसमें लिखा होगा कि मुझे कंपनी के अधिकारियों ने अवगत करा दिया है,
इस संस्थान की तरफ से बोनस नहीं दिया जा रहा है, जिसको मैंने भलीभांति समझ लिया है और मुझे कोई भी आपत्ति नहीं है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मुताबिक केजीएमयू में अभी तक एजेंसी बोनस दे रही थीं, लेकिन नई एजेंसी ने यह व्यवस्था समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया है, यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो कर्मचारियों के सामने नई समस्या खड़ी हो जायेगी। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग, संविदा कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय का कड़ा विरोध करने की बात कही है।