लखनऊ (मानवी मीडिया) कालपी /जालौनमोहल्ला इंद्रानगर, कालपी में एटीएम फ्रॉड के एक बड़े रैकेट होने का दावा किया गया है। मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है। इस रैकेट का संचालन कोतवाली कालपी से चंद कदमों की दूरी पर निवास करने वाले एक ग्राम प्रधान के मकान से होने के आरोप लगाए गए हैं। प्रकरण को लेकर स्थानीय नागरिक गौरी वर्मा ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र दिए हैं, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं।
शिकायत में लगाए गए आरोप
1. ग्राम प्रधान ने अपने मकान को एटीएम हैकिंग और धोखाधड़ी के अड्डे में बदल दिया है।
2. उनके दोनों पुत्र इस गैंग का संचालन करते हैं, जो बेरोजगार युवाओं को गुमराह कर उन्हें एटीएम हैकिंग का प्रशिक्षण देते हैं।
3. इस गैंग का नेटवर्क गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली जैसे बड़े राज्यों तक फैला हुआ है।
4. गैंग के सदस्य सर्विलांस से बचने के लिए महंगे मोबाइल फोन और लग्जरी गाड़ियां इस्तेमाल करते हैं। गाड़ियों पर उच्च न्यायालय और प्रेस के स्टिकर लगे होने के कारण पुलिस भी कार्रवाई से बचती है।
5. प्रधान की मासिक आय इस अवैध धंधे से 20-30 लाख रुपये तक पहुंच रही है।
पुलिस पर मिलीभगत के आरोप
शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस गैंग के संचालन में कोतवाली पुलिस की मिलीभगत है, जिसके कारण यह रैकेट बेखौफ होकर संचालित हो रहा है।
पूर्व में हो चुकी छापेमारी
शिकायत में उल्लेख किया गया कि प्रधान के घर पर पहले भी पुलिस द्वारा कार्रवाई हो चुकी है। इस छापेमारी में एटीएम फ्रॉड से संबंधित सामग्री बरामद की गई थी, और प्रधान का एक पुत्र जेल भी गया था। लेकिन रिहाई के बाद यह गैंग फिर सक्रिय हो गया।
प्रशासन से मांग
शिकायतकर्ता ने इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस अवैध गतिविधि से क्षेत्र की कानून व्यवस्था खतरे में पड़ रही है और आम नागरिकों में भय का माहौल है।
यह घटना कालपी में अपराध के बढ़ते दायरे और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।
वहीं ग्राम प्रधान ने आरोपों को निराधार बताते हुए रंजिशन शिकायत बात कही है। उक्त सम्बन्ध में सी ओ कालपी से दूरभाष पर बात की तो उनका कहना है कि फिलहाल इस तरह का कोई मामला य शिकायती पत्र मेरे संज्ञान में अभी तक नहीं आया ।
रिपोर्ट सोनू महाराज