उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) भारतीय रेलवे, देश की यात्रा का प्रमुख साधन है। हर साल करोड़ों लोग रेल से सफर करते हैं। कन्फर्म टिकट मिलने पर, यात्रा आरामदायक होती है। त्योहारों के समय, वेटिंग या आरएसी टिकट वालों को सीट मिलना मुश्किल होता है। लेकिन, इमरजेंसी में, रेलवे के इमरजेंसी कोटे से वेटिंग टिकट कन्फर्म हो सकता है।
भारतीय रेलवे ने ज़रूरी यात्रा के लिए कुछ सीटें रिजर्व रखी हैं। इनमें मंत्री, सांसद, जज और दूसरे अफसरों के साथ ही ज़रूरतमंद आम यात्रियों को भी सीट मिल सकती है। इस कोटे में, सांसद और दूसरे अफसरों को यात्रा में प्राथमिकता मिलती है।
सरकारी काम, पारिवारिक आपात स्थिति, गंभीर बीमारी या काम से जुड़ी मीटिंग जैसे कारणों को भी प्राथमिकता दी जाती है। सभी कोच में इमरजेंसी कोटे की सीटें होती हैं। जैसे, 10 स्लीपर कोच वाली ट्रेन में, हर कोच में 18 सीटें रिजर्व होती हैं।
कुल 180 सीटें इमरजेंसी कोटे में होती हैं। यह नियम एसी कोच पर भी लागू होता है। इमरजेंसी कोटे में सीट के लिए कैसे आवेदन करें? नज़दीकी मंत्रालय या ज़ोनल ऑफिस जाकर, इमरजेंसी कोटे का फॉर्म भरें। अपनी यात्रा का कारण स्पष्ट रूप से बताएँ। परीक्षा, इलाज जैसे कारणों को विस्तार से लिखें।