नई दिल्ली (मानवी मीडिया): भारत का माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह, जो देश की आर्थिक गतिविधि का एक प्रमुख संकेतक है, वित्त वर्ष 2024 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। सरकार को जनवरी से दिसंबर तक कुल 21.51 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ। हालांकि, दिसंबर में संग्रह में मामूली गिरावट देखी गई, जो नवंबर के 1.82 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले घटकर 1.77 लाख करोड़ रुपये रह गया।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से दिसंबर 2024 तक कुल जीएसटी संग्रह 16.34 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16.34% अधिक है। यह वृद्धि घरेलू बिक्री में तेजी और बेहतर अनुपालन के कारण हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर में संग्रह में गिरावट कुछ अस्थायी कारकों के कारण हो सकती है, जैसे कि त्योहारों के बाद की मंदी या कुछ उद्योगों में चुनौतियां। हालांकि, कुल मिलाकर, जीएसटी संग्रह में मजबूत वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत देती है।
वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार को जीएसटी संग्रह से 20.14 लाख करोड़ रुपये मिले थे, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 14.96 लाख करोड़ रुपये था। लगातार बढ़ते जीएसटी संग्रह से सरकार को राजस्व में वृद्धि हुई है, जिसका उपयोग विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा सकता है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले महीनों में जीएसटी संग्रह में और वृद्धि हो सकती है, क्योंकि सरकार आर्थिक सुधारों को जारी रखे हुए है और निवेश बढ़ रहा है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक मंदी और अन्य अनिश्चितताओं के कारण कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं।