लखनऊ : (मानवी मीडिया) शर्ट खरीदने गए ग्राहक से कैरीबाग के 18 रुपये लेना विशाल मेगामार्ट को महंगा पड़ गया। जिला उपभोक्ता फोरम ने 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 18 रुपये ग्राहक को लौटने के आदेश दिए हैं। मानसिक उत्पीड़न के लिए 25 हजार और वाद व्यय के लिए 10 हजार रुपये भी देने के आदेश दिए गए हैं।
लखनऊ के बरगवां निवासी शशिकांत शुक्ला ने 10 सितंबर 2021 को एलडीए कॉलोनी सेक्टर -1 आशियाना स्थित विशाल मेगामार्ट से 599 रुपये में एक शर्ट खरीदी थी। शर्ट उन्हें कैरीबैग में रख कर दी गई और कुल 616 रुपये का बिल दिया गया। शशिकांत का आरोप है कि शर्ट की कीमत के अतिरिक्त उनसे 18 रुपये गलत तरीके से लिए गए। ये उपभोक्ता कानून के विरुद्ध है। इस संबंध में 13 सितंबर 2021 को एक नोटिस भेजा गया।
15 सितंबर 2021 को नोटिस मिलने के बाद भी विशाल मेगामार्ट ने न ही जवाब दिया और न ही 18 रुपये ही लौटाए। इस पर शाशिकांत ने ने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। अधिवक्ता एलपी यादव ने फोरम के समक्ष उनका पक्ष रखा। फोरम के अध्यक्ष एवं न्यायाधीश नीलकंठ सहाय, सदस्य सोनिया सिंह और सदस्य कुमार राघवेंद्र सिंह ने मामले की सुनवाई की। फोरम ने आदेश दिया
मूल्य लिए जाने की तारीख से कैरीबैग की कीमत 18 रुपये 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ उपभोक्ता को विशाल मेगामार्ट भुगतान करे। भुगतान 45 दिन के अंदर किया जाए। मानसिक एवं शारीरिक कष्ट के लिए उपभोक्ता को 25 हजार और वाद व्यय के लिए 10 हजार रुपये भी देने होंगे। आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में न करने पर संपूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के हिसाब से भुगतान करना होगा।
क्यो बोले लोग
मटियारी निवासी डाल्टन श्रीवास्तव बताते हैं कि माल जाने पर सबसे बड़ी दिक्क्त उन्हें कैरी बैग खरीदने पर होती है। छोटा सा छोटा सामान लेने पर भी माल की दुकानों द्वारा कैरी बैग दिया जाता है। इन कैरी बैग की कीमत भी 10 रुपये से लेकर 30 रुपये तक होती है। ज्यादातर माल में बाहर से कैरी बैग ले नही जाने देते है।
फैजुल्लागंज निवासी शिवांगी निगम बताती हैं कि जब भी माल जाती है तो बाहर ही उन्हें साथ ले गये थैले को छोड़ना पड़ता है। माल से खरीदारी करने पर अनावश्यक रूप से कैरी बैग खरीदना पड़ता है जो कि गलत है। वही बाहर बाजार से खरीदारी करने पर दुकानदार थैला देते है और उसका कोई शुल्क भी नही लेते है।