कोच्चि (मानवी मीडिया): 2006 में रंजिनी नाम की एक महिला और उसकी जुड़वां बेटियों की कथित हत्या कर दी गई थी। हत्या के वक्त जुड़वां बेटियों की आयु महज 17 दिन की थी। इस हत्या के दो आरोपियों को CBI ने 18 साल बाद गिरफ्तार किया है। मामला 10 फरवरी, 2006 का है, जब 24 वर्षीय रंजिनी और उनकी नवजात बेटियों की केरल के कोल्लम जिले में उनके किराए के घर में हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय रंजिनी की मां पंचायत कार्यालय में जुड़वां बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र लेने गई थी. जब वो घर आई तो तीनों के मरा हुआ पाया।
जांच से पता चला कि रंजिनी के भारतीय सेना की 45 ए.डी. रेजिमेंट में सेवारत अंचल के मूल निवासी दिबिल कुमार बी के साथ रिश्ते में थे। 24 जनवरी, 2006 को जुड़वा बच्चों के जन्म के बाद, उन्होंने खुद को उससे दूर करना शुरू कर दिया। अविवाहित मां ने फिर केरल राज्य महिला आयोग से संपर्क किया। आयोग ने पाटर्निटी टेस्ट (दिबिल कुमार बच्चियों के पिता है कि नहीं इसका टेस्ट) का आदेश दिया. इससे कुमार क्रोधित हो गया. जिसने कथित तौर पर उसकी हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी।
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि राजेश पी, जो उस समय 33 वर्ष का था और कुमार के साथ उसी सेना रेजिमेंट में सेवारत था। उसने रंजिनी और उसकी मां से दोस्ती की। उसने उन्हें आश्वासन दिया कि वह कुमार को रंजिनी से शादी करने के लिए राजी करने में मदद करेगा, लेकिन कथित तौर पर वह उसकी और उसकी बेटियों की हत्या की साजिश में शामिल हो गया।
हत्या के तुरंत बाद कुमार और राजेश फरार हो गए और मार्च 2006 में सेना ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। सालों की तलाश के बाद सीबीआई को सूचना मिली कि कुमार और राजेश फर्जी नामों से पुडुचेरी में रह रहे हैं और उन्होंने आधार कार्ड समेत नए दस्तावेज बनवा लिए हैं। बताया जाता है कि उन्होंने शहर में दो शिक्षिकाओं से शादी कर ली है और उनके बच्चे भी हैं। सीबीआई की चेन्नई इकाई ने शुक्रवार को दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।