लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश कि राजधानी लखनऊ के क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, लखनऊ, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा संचलित एनएबीएच प्रमाणित अनुसंधान केंद्र है। जिसमें दिनांक 21.12.2024 को आयुष के क्षेत्र में फामार्कोविजिलेंस ("Enhancing Safety and Awareness: A sensitization workshop on Pharmacovigilance for Ayurvedic Medicines") विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम का मुख्य अतिथि प्रोफेसर माखन लाल प्रधानाचार्य और प्रोफेसर आर. बी. यादव, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल लखनऊ ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को गौरवान्वित किया प्रोफेसर वैद्य रवि नारायण आचार्या, महानिदेशक सी.सी.आर.ए.एस. ने आयुर्वेद में लोगो के बढ़ती रुचि को देखते हुए वैश्विक स्तर पर आयुर्वेदिक औषधियों की बढ़ती मांग को देखते हुए इस क्षेत्र में फामाकर्कोविजिलेंस के महत्व को समझाया। प्रतिभागी चिकित्सकों को प्रभारी सहायक निदेशक, डॉ. संजय कुमार सिंह ने प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया एवं भ्रामक विज्ञापन से सतर्क रहने के लिए एवं रिपोर्ट करने का सुझाव दिया
कार्यक्रम का संचालन डॉ. कांबले पल्लवी नामदेव, अनु. अधि. (आयु.) द्वारा किया गया। विषय के सभी पहलुओं पर संस्थान के वैज्ञानिकों डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव, अनु. अधि. (आयु.) वैज्ञा-04, डॉ. अंजलि बी. प्रसाद, अनु. अधि. (आयु.), डॉ. कांबले पल्लवी नामदेव, अनु. अधि. (आयु.) एवं डॉ. श्रीकला वी., अनु. अधि. (आयु.) द्वारा व्याख्यान एवं प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक किया गया ।