प्रेस विज्ञप्ति: 26/12/2024
लखनऊ, (मानवी मीडिया): सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर एक्सटेंशन कैम्पस ऑडिटोरियम में आज ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेशन (एईडी) मशीन का उद्घाटन व प्रदर्शन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर एस.जी.पी.जी.आई., लखनऊ के कार्डियोलाजी विभाग के हेड प्रो. आदित्य कपूर ने एईडी मशीन का शुभारम्भ किया एवं इसके उद्देश्य, उपयोग व परिचालन सम्बन्धी विस्तृत जानकारी प्रदान की। एईडी मशीन का प्रदर्शन करते हुए डा. कपूर ने कहा कि एईडी मशीन हृदयाघात के मरीजों के लिए रामबाण है। कार्डिएक अरेस्ट उम्र का भेदभाव किये बिना कभी भी किसी को भी हो सकता है, ऐसे में, आकस्मिक हृदयाघात वाले मरीजों की जान बचाने में एईडी मशीन बहुत मददगार है। डा. कपूर ने सलाह दी कि इस मशीन को प्रत्येक विद्यालय, कार्यालय, माल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डो व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगाना अत्यन्त उपयोगी है। इस अवसर पर डा कपूर ने सी.एम.एस. छात्रों, शिक्षकों व कार्यकर्ताओं को सी.पी.आर. यानि कार्डियो पलमोनेरी रेससिटेशन का सही तरीका भी समझाया।
इससे पहले, सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने डा. आदित्य कपूर व उपस्थित जन-समुदाय का हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो. किंगडन ने कहा कि हृदयाघात वर्तमान दौर की एक कठोर सच्चाई है और ऐसे मौकों पर एक मिनट की देरी भी जानलेवा साबित हो सकती है। ‘सडन कार्डिएक अरेस्ट’ की स्थिति में जरूरी उपायों के लिहाज से सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पसों में एईडी मशीन लगाने का निर्णय लिया है। हमारा मानना है कि समाज में, खासकर छात्रों व युवा पीढ़ी में ऐसी चीजों के प्रति जागरूकता व सही जानकारी अत्यन्त आवश्यक है, जिससे कि समय रहते किसी की जान बचाई जा सके। सी.एम.एस. गोमती नगर एक्सटेंशन कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा ने इस अवसर पर कहा कि सी.एम.एस. सदैव अपने छात्रों, शिक्षकों व कार्यकर्ताओं के अच्छे स्वास्थ्य के प्रति बेहद संवेदनशील है। एईडी मशीन का स्थापित किया जाना भी इसी की एक कड़ी है। प्रधानाचार्या श्रीमती संगीता बनर्जी ने छात्रों व शिक्षकों के आकस्मिक उपचार हेतु विद्यालय में एईडी मशीन लगाये जाने हेतु सी.एम.एस. प्रबन्धन का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
सी.एम.एस. के हेड, कम्युनिकेशन्स ऋषि खन्ना ने बताया कि एईडी - ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेशन मशीन एक पोर्टेबल इलेक्ट्रानिक उपकरण है जो कि घातक अनियमित दिल की धड़कन तथा स्पंदनरहित या तीव्र गति से चलने वाली धड़कन को पहचान लेता है और यह दिल के दौरे से पीड़ित मरीज का इलाज करने में सक्षम है। इसमें पैड की मदद से मरीज में बिजली प्रवाहित करके दिल की धड़कन को सामान्य करने की प्रक्रिया की जाती है। हृदयाघात के मामलों में किसी भी व्यक्ति द्वारा इस मशीन को आसानी से ऑडियो-विजुअल निर्देश देकर प्राथमिक उपचार किया जा सकता है।