नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार और वहां के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। इस वजह से भारत के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। असम में बांग्लादेश की सीमा के पास वाले जिलों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। इस अशांति की वजह से बराक घाटी के होटलों और रेस्तराओं ने बांग्लादेशी ग्राहकों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया।
अब असम के बाद त्रिपुरा में भी कुछ इसी तरह का ऐलान किया गया है। त्रिपुरा के होटल संचालकों ने ये फैसला किया है कि बांग्लादेशी नागरिकों को अब वो कोई भी होटल रूम नहीं देंगे। उनका कहना है कि बांग्लादेश में भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया है। 2 दिसंबर से पहले चेक इन करने वाले बांग्लादेशी नागरिक फिलहाल होटल में रह सकते हैं लेकिन उसके बाद की कोई भी बुकिंग स्वीकार नहीं की जा रही है।
2 दिसंबर के बाद की बुकिंग वैलिड नहीं है ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टेंट ओनर्स एसोसिएशन के ऑफिस सचिव, भास्कर चक्रवर्ती ने कहा कि 2 दिसंबर को हमने अपने सदस्यों की उपस्थिति में यह निर्णय लिया कि 2 दिसंबर से कोई भी होटल बांग्लादेशी नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं होगा। इस निर्णय के पीछे की वजह वहां हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है।
इसके अलावा बराक घाटी के तीन जिलों में बीते कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बराक घाटी में कई जगह बांग्लादेशी सामानों का बहिष्कार हो रहा है। श्रीभूमि के जिला उपायुक्त प्रदीप कुमार द्विवेदी ने इस मामले पर बीबीसी से कहा कि होटल मालिकों का यह फैसला व्यक्तिगत है। प्रशासन भारत सरकार के कूटनीतिक कानूनों के मुताबिक काम करता है। जो लोग विरोध कर रहे हैं।