नई दिल्ली (मानवी मीडिया)विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को यहां कुवैत के अपने समकक्ष अब्दुल्ला अली अल याह्या के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा तथा लोगों के बीच संबंधों सहित भारत-कुवैत संबंधों के संपूर्ण स्पेक्ट्रम की समीक्षा की। दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
याह्या ने जयशंकर के निमंत्रण पर 3-4 दिसंबर को भारत का दौरा किया, जोकि कुवैत के विदेश मंत्री के रूप में उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा दोनों मंत्रियों ने विदेश मंत्रियों के स्तर पर एक संयुक्त सहयोग आयोग (जेसीसी) की स्थापना पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जेसीसी के तहत व्यापार, निवेश, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कृषि, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में नए संयुक्त कार्य समूह स्थापित किए जाएंगे। जेसीसी तंत्र हाइड्रोकार्बन, स्वास्थ्य और कांसुलर मामलों सहित क्षेत्रों में नए संयुक्त कार्य समूहों और मौजूदा कार्य समूहों के तहत हमारे द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण दायरे की व्यापक समीक्षा और निगरानी करने के लिए एक छत्र संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करेगा।
विदेश मंत्री याह्या ने इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट भी की। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए कुवैत में 10 लाख से अधिक भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए कुवैत के नेतृत्व की सराहना की।
विदेश मंत्रालय ने कहा भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो इतिहास में निहित हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। दोनों पक्षों के बीच नियमित आदान-प्रदान होते रहे हैं, जो दोनों पक्षों द्वारा इस संबंध को दिए गए महत्व को दर्शाते हैं। कुवैत में रहने वाला भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों के लिए एक जीवंत सेतु का काम करता है।
( रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)