नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- दिल्ली में विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कदम सीलमपुर से दोबारा टिकट न मिलने के बाद उठाया है। हालांकि इस्तीफे में अब्दुल रहमान ने आरोप लगाया है कि पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर लगातार मुस्लिमों के अधिकारों को नजरअंदाज किया है।
आम आदमी पार्टी ने एक दिन पहले ही उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। इसमें सीलमपुर से सिटिंग विधायक अब्दुल रहमान का टिकट काट दिया गया था। उनकी जगह चौधरी जुबैर अहमद को उम्मीदवार बनाया गया था। इसके 24 घंटे बाद ही अब्दुल रहमान ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए प्राथमिक सदस्यता छोड़ने का ऐलान कर दिया। सीलमपुर विधायक अब्दुल रहमान ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया कि पार्टी सत्ता की राजनीति में उलझी हुई है। इस वजह से पार्टी ने मुसलमानों के अधिकारों को नजरअंदाज किया। उन्होंने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। अब्दुल रहमान ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल ने हमेशा जनता के मुद्दों से भागकर अपनी राजनीति की। इसीलिए पार्टी छोड़ रहा हूं, लेकिन इंसाफ और हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।
सीलमपुर विधायक पिछले एक माह से पार्टी से नाराज चल रहे थे। इसकी शुरुआत उस दिन से हुई थी, जिस दिन जुबैर अहमद ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जाने लगे थे कि अब्दुल रहमान आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में जा सकते हैं। दरअसल 29 अक्टूबर को अब्दुल रहमान ने आम आदमी पार्टी की अल्पसंख्यक इकाई के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था। इसका कनेक्शन जुबैर अहमद के पार्टी ज्वाइन करने से ही माना गया था। इसके बाद अब्दुल रहमान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी लिखा था कि विचारों में बढ़ते फासलों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।