नई दिल्ली (मानवी मीडिया): सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के कारण हाईवे जाम होने के मामले में सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर पहले ही सुनवाई हो चुकी है और यह मामला कोर्ट के संज्ञान में है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में पहले से ही एक याचिका लंबित है।
इस जनहित याचिका में शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने के लिए केंद्र सरकार और पंजाब तथा हरियाणा सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि हाईवे को अवरुद्ध करना लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन है और यह नेशनल हाईवे एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत भी अपराध है। याचिका में हाईवे जाम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की गई थी।
बता दें प्रदर्शनकारी किसानों ने फिलहाल दिल्ली मार्च को स्थगित कर दिया है। किसानों का कहना है कि कल हुए प्रदर्शन में पुलिस की कार्रवाई के बाद यह फैसला लिया गया है। किसानों का आरोप है कि कल (8 दिसंबर) हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं, जिसमें 6 से 8 किसान घायल हो गए। एक किसान को गंभीर हालत में पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर किया गया है।