नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- प्रयागराज महाकुंभ एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है। महाकुंभ में गैर सनातनियों की एंट्री पर अखाड़ा परिषद द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब नागा संन्यासियों ने भी इस पर अपनी गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नागा संन्यासियों ने फरमान जारी किया है कि वे महाकुंभ क्षेत्र में केवल उन्हीं आगंतुकों को प्रवेश देंगे जिनके माथे पर तिलक और कलाई में कलावा होगा।
जूना अखाड़े के नागा संन्यासी शंकर भारती ने कहा कि हिंदू धर्म को भ्रष्ट करने वाली घटनाओं के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। उनका कहना है कि धर्म की शुचिता की रक्षा के लिए यह गाइडलाइन लागू की गई है। जो लोग इसका उल्लंघन करेंगे, उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। नागा संन्यासियों ने यह भी कहा कि अखाड़ों के सभी प्रवेश द्वारों पर पुलिस तैनात किए जाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि इस गाइडलाइन का पालन हो। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे दंडित किया जाएगा। जूना अखाड़े की महिला संन्यासी दिव्या गिरी ने इस गाइडलाइन का समर्थन करते हुए कहा कि महिला संन्यासियों के अखाड़ों में भी यही व्यवस्था लागू होगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अखाड़े के बाहर एक महिला संत तैनात रहेंगी, जो माथे पर तिलक लगाकर ही लोगों को प्रवेश देंगी।
नागा संन्यासियों ने स्पष्ट किया कि यह कदम भारतीय संस्कृति और संगम नगरी की पवित्रता को बचाने के लिए उठाया गया है। नागा संन्यासियों ने यह भी कहा कि उनके अखाड़े और इससे जुड़े संत पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। अगर कोई भी गैर सनातनी हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ करता है या मेला क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसे पकड़ कर सख्त सजा दी जाएगी। नागा संन्यासियों का कहना है कि वे खुद इस मुद्दे पर कार्रवाई करने में सक्षम हैं। इससे पहले भी अखाड़ा परिषद ने गैर सनातनियों का महाकुंभ में प्रवेश वर्जित करने की घोषणा की थी। अब नागा संन्यासियों ने भी इसका समर्थन किया है और इसे लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।