मुंबई (मानवी मीडिया)- भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल जनवरी से लेकर अक्टूबर की अवधि में 77 टन गोल्ड खरीदा है। इसमें से करीब 27 टन गोल्ड केवल अक्टूबर में खरीदा गया है। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा संकलित आंकड़ों पर आधारित वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट में दी गई। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि आरबीआई द्वारा 2024 के पहले 10 महीनों में खरीदा गया गोल्ड 2023 की समान अवधि की गई सोने की खरीद की तुलना में 5 गुणा अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक, आरबीआई का गोल्ड भंडार अब बढक़र 882 टन हो गया है, जिसमें से 510 टन गोल्ड भारत में है।
डब्ल्यूजीसी के मुताबिक, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों ने गोल्ड की खरीद में बाजार पर अपना वर्चस्व जारी रखा है। तुर्की और पोलैंड ने जनवरी-अक्टूबर 2024 तक अपने भंडार में क्रमश: 72 टन और 69 टन गोल्ड जोड़ा है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पूरे वर्ष में हुई शुद्ध गोल्ड खरीद में इन तीनों केंद्रीय बैंकों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत रही है। आरबीआई के साथ दुनिया के केंद्रीय बैंकों द्वारा बड़ी मात्रा में गोल्ड खरीदने की वजह, इसे सुरक्षित संपत्ति माना जाना है। महंगाई और वैश्विक अस्थिरता के समय यह एक हेज के रूप में भी काम करता है। केंद्रीय बैंक द्वारा अधिक मात्रा में गोल्ड खरीदने से सोने की कीमतों में भी बढ़त देखी जा रही है। रिजर्व बैंक ने इस साल की शुरुआत में यूनाइटेड किंगडम में बैंक वॉल्ट में रखे अपने 100 मीट्रिक टन गोल्ड को भारत में अपने वॉल्ट में स्थानांतरित कर दिया था, क्योंकि देश में पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता थी। गोल्ड के भंडार को स्थानांतरित करने से ब्रिटेन में वॉल्ट के उपयोग के लिए भुगतान किए जाने वाले शुल्क की बचत होने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जून में कहा था, “हाल के वर्षों में, डेटा से पता चलता है कि रिजर्व बैंक अपने भंडार के हिस्से के रूप में गोल्ड खरीद रहा है। हमारे पास पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता है। इस कारण देश के बाहर रिजर्व के हिस्से को देश के भीतर संग्रहीत करने का निर्णय लिया गया।”