उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) एकमुश्त समाधान योजना का पहला चरण पूरा हो गया है। एक जनवरी से 15 जनवरी तक दूसरे चरण में एकमुश्त बकाया जमा करने पर सरचार्ज में 80 फीसदी की छूट मिलेगी। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि सभी प्रकार के उपभोक्ता अपने नजदीकी विभागीय खंड, उपखंड कार्यालय, कैश काउंटर, जनसेवा केंद्र के माध्यम से या विभागीय वेबसाइट पर पंजीयन कर बिल जमा कर सकते हैं।
एक किलोवाट भार तक के तथा पांच हज़ार रुपये के मूल बकाये पर घरेलू उपभोक्ताओं को योजना के द्वितीय चरण में विलंबित बिलों के एकमुश्त भुगतान पर सरचार्ज में सर्वाधिक 80 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा। किश्तों में भुगतान पर 65 प्रतिशत की छूट मिलेगी। किसानों को उनके निजी नलकूप में 31 मार्च, 2023 तक के उनके बकाए विद्युत बिलों के विलंबित भुगतान अधिभार में छूट का लाभ लेने के लिए सात मार्च, 2024 से पंजीकरण कराए जा रहे हैं, जिन्हें अभी इस छूट का लाभ मिलता
पहले चरण में 1.72 लाख ने ओटीएस का लिया लाभ
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि योजना के प्रथम चरण में 17,20,651 उपभोक्ताओं ने छूट का लाभ लिया है। इससे 1372.09 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई।
सांविधानिक लड़ाई तेज करेगी उपभोक्ता परिषद
उपभोक्ता परिषद पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगमों के निजीकरण का सांविधानिक तरीके से विरोध करेगा। इसके लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं का पैनल बनाया है। परिषद का कहना है कि पावर कॉर्पोरेशन जैसे ही नए कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ाएगा वैसे ही सांविधानिक लड़ाई तेज कर दी जाएगी। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विधानसभा में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा जिस टोरेंट पावर कंपनी की तारीफ कर रहे थे,
उसका 100 प्रतिशत मालिकाना हक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के पास है। ऐसे में पीपीपी मॉडल में टोरेंट पावर का क्या होगा? क्या सरकार उसके 30 साल के एग्रीमेंट को निरस्त करेगी, जो वर्ष 2030 तक है? उन्होंने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल को पांच हिस्से में बांटने के लिए लिए गए फैसले में कानूनी और वित्तीय गड़बड़ियां जग जाहिर हैं। वहीं, टोरेंट पावर ने लगभग 2200 करोड़ दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का पिछला बकाया नहीं दिया है। इस पर भी विचार होना चाहिए।