नई दिल्ली (मानवी मीडिया): चीन अपनी सीमा विस्तार की नीति से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ भारत के साथ एलएसी पर तनाव कम करने की बातें की जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ चीन भूटान के सीमावर्ती क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर गांव बसा रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने पिछले आठ सालों में भूटान के पारंपरिक क्षेत्र में कम से कम 22 गांव बसाए हैं, जिनमें से आठ गांव डोकलाम पठार के पास 2020 के बाद बनाए गए हैं।
ये गांव डोकलाम के पास एक घाटी में बसे हुए हैं, जिसे चीन अपना दावा करता है। कई गांव चीनी सैन्य चौकियों के पास स्थित हैं। इन गांवों का निर्माण भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि ये सिलिगुरी कॉरिडोर (चिकन नेक) की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
इस मामले पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री लोते त्शेरिंग ने 2023 में कहा था कि ये चीनी बस्तियां भूटान में नहीं हैं। हालांकि, भूटान सरकार ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
2016 से अब तक चीन ने भूटान में 22 गांव बसाए हैं, जिनमें लगभग 7000 लोग रहते हैं। इन गांवों का निर्माण चीन की सीमा विस्तार की नीति का हिस्सा माना जा रहा है। चीन की ये गतिविधियां भारत और भूटान के लिए चिंता का विषय हैं। इनसे क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। भारत को इस मुद्दे पर अपनी रणनीति को मजबूत करना होगा और भूटान के साथ मिलकर चीन के दबाव का सामना करना होगा।