मुंबई (मानवी मीडिया) : बॉलीवुड फिल्म बजरंगी भाईजान की कहानी जैसी एक रियल कहानी सामने आई है। फिल्म में अभिनेता सलमान खान ने खोई हुई लड़की को सीमा पार उसके परिवार से मिलाया था, वहीं इस असली कहानी में पाकिस्तानी इमाम और यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ ने 24 साल पहले तस्करी करके पाकिस्तान लाई गई भारतीय महिला हमीदा बानो को भारत में उसके परिवार से मिलवाया है।
कराची के मंघोपीर में एक मस्जिद के इमाम मारूफ को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हमीदा की कहानी का पता चला। मदद करने के लिए उन्होंने भारत में उसके परिवार का पता लगाने के लिए खोज शुरू की। उनके प्रयासों को तब गति मिली, जब मिड-डे की एक रिपोर्ट ने मामले को भारत सरकार के ध्यान में लाया। सोमवार दोपहर को वाघा बार्डर पर हमीदा बानो की वापसी का इंतजार कर रहे उनके स्वजनों ने आंसुओं के बीच उनका स्वागत किया। मंघोपीर के 29 वर्षीय मारूफ एक मस्जिद के इमाम हैं और उन्होंने 2018 से पाकिस्तान में तस्करी करके लाए गए लोगों को उनके देश लौटने में मदद करने को अपना मिशन बना लिया है।
एक बांग्लादेशी व्यक्ति को उसके परिवार से मिलाने में मदद करने के लिए अपनी मां के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर उन्होंने अब तक लगभग 100 व्यक्तियों की सहायता की है। मारुफ ने बताया कि एक दिन जब मैं अपने फोन पर इंटरनेट मीडिया ब्राउज कर रहा था तो मेरी मां ने मुझे डांटा और कहा कि मैं अपना समय बर्बाद कर रहा हूं। मारुफ के मुताबिक उनकी मां ने सुझाव दिया कि इसके बजाय उन्हें हमारे पड़ोस में रहने वाली बांग्लादेशी महिला की मदद करनी चाहिए। उस क्षण ने तस्करी के शिकार व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने की उनकी यात्रा की शुरुआत की, जो आज एक मिशन के रूप में जारी है। समय के साथ वह कई बांग्लादेशी महिलाओं के परिवारों का पता लगाने में कामयाब रहे और उन्हें उनके स्वजनों के साथ फिर से मिलाने में मदद की।
उन्होंने बताया कि हमीदा बानो एकमात्र भारतीय महिला है, जिनकी उन्होंने उनके परिवार से दोबारा जुड़ने में मदद की। मारूफ ने कहा कि हमीदा मेरे घर आईं और अपनी कहानी बताई। मैंने उसका 11 मिनट का वीडियो बनाया और अपने यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर पोस्ट किया। दर्शकों से उसके परिवार का पता लगाने में मदद करने का आग्रह किया।
जुलाई 2022 में मैं एक भारतीय यूट्यूबर खलफान शेख से जुड़ा, जिन्होंने हमीदा बानो के परिवार की पहचान की। इसके बाद पाकिस्तान में भारतीय दूतावास ने मुझसे संपर्क किया। हमीदा बानो को दूतावास ले जाया गया, जहां अधिकारियों ने उसकी पहचान सत्यापित करने के लिए उससे पूछताछ की। 25 नवंबर को मुझे दूतावास से एक और फोन आया, जिसमें पुष्टि की गई कि हमीदा बानो की भारतीय नागरिकता का सत्यापन कर लिया गया है और उनकी भारत वापसी की सुविधा के लिए व्यवस्था की जा रही है।