लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने मम्बई के चर्चित बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लारेन्स विश्नोई गैंग का मुख्य शूटर शिव कुमार उर्फ शिवा अपने चार साथियों के साथ जनपद बहराईच से किया गिरफ्तार।
दिनांक 10-11-2024 को एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को मुम्बई के चर्चित बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लारेन्स विश्नोई गैंग का मुख्य शूटर शिव कुमार उर्फ शिवा को उसके 04 अन्य साथियों के साथ जनपद बहराईच से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गयी।
गिरफ्तार अभियुक्त का विवरणः
1- शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा पुत्र बाल किशुन गौतम निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच । (मुख्य शूटर)
2- अनुराग कश्यप पुत्र राधे राम कश्यप निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच। (शूटर धर्मराज कश्यप का भाई व आश्रयदाता)
3- ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी पुत्र प्रदीप कुमार निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच । (आश्रयदाता/ मददगार)
4- आकाश श्रीवास्तव पुत्र बृज कुमार निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच। (आश्रयदाता / मददगार)
5- अखिलेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र सुरेश सिंह निवासी ग्राम गण्डारा, थाना कैसरगंज, जनपद बहराईच । (आश्रयदाता / मददगार)
गिरफ्तारी का स्थान दिनांक व समयः
हाराबहसरी नहर पुलिया थानाक्षेत्र नानपारा, बहराईच। दिनांक 10-11-2024, समय 18:00 बजे ।
दिनांक 12-10-2024 को रात्री 21:30 बजे थाणे, मुम्बई में महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री व फिल्म अभिनेता सलमान खान के करीबी जियाउद्दीन अब्दुल रहीम सिद्दीकी उर्फ बाबा सिद्दीकी की हत्या उनके विधायक पुत्र श्री जीशान सिद्दीकी के खेरनगर स्थित कार्यालय के बाहर तीन अज्ञात शूटरों द्वारा गोली मार कर दी गयी थी, जिसके सम्बन्ध में मु०अ०सं० 589/2024 धारा 103 (1), 109, 125, 3(5) बी०एन० एस० व 3/25 आर्म्स एक्ट का अभियोग थाना निर्मल नगर, थाणे, मुम्बई पंजीकृत हुआ था एवं दो शूटर धर्मराज कश्यप व गुरमेल सिंह को तत्समय गिरफ्तार भी कर लिया गया था व एक शूटर शिव कुमार फरार हो गया था।
गिरफ्तार शूटरों ने उक्त हत्या जेल में बन्द कुख्यात अपराधी लारेन्स विश्नोई के इशारे पर किये जाने के तथ्य का खुलासा किया था। महाराष्ट्र निवासी शुभम लोनकर व जालन्धर निवासी मो० यासीन अख्तर इन शूटरों के हैण्डलर्स थे, जिन्होंने उन्हें लाजीस्टिक व मृतक की लोकेशन उपलब्ध करायी थी।
इस चर्चित हत्याकाण्ड में मुम्बई पुलिस द्वारा दिनांक 23-10-2024 को अपने पत्र के माध्यम से मुख्य शूटर शिवकुमार सहित अन्य फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ, उ०प्र० से सहयोग हेतु अनुरोध किया गया था, जिसके क्रम में श्री प्रमेश कुमार शुक्ला, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय की टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
इसी मध्य मुम्बई क्राईम ब्रान्च की टीम लखनऊ आयी। एसटीएफ, लखनऊ व मुम्बई क्राइम ब्रान्च की संयुक्त टीम द्वारा किये जा रहे अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि मुख्य शूटर शिव कुमार अपने साथियों के साथ बहराईच के नानपारा थाना क्षेत्र में कहीं छिपा हुआ है व नेपाल भागने की फिराक में है।
इसी क्रम में आज दिनांक 10-11-2024 को एसटीएफ के उपनिरीक्षक श्री जावेद आलम सिद्दीकी, मुख्य आरक्षी मुनेन्द्र सिंह, आरक्षी अजीत कुमार सिंह व मुम्बई क्राईम ब्रान्च निरीक्षक श्री अमोल कुमार की संयुक्त टीम नानपारा क्षेत्र में मौजूद थी। इसी दौरान मुखबिर द्वारा बताया गया कि शिव कुमार अपने साथियों के साथ नेपाल भागने वाला है तथा उसके कुछ साथी उसे नेपाल में सुरक्षित आश्रय पर छोड़ने के लिए जाने वाले है और हाराबहसरी नहर पुलिया थानाक्षेत्र नानपारा, बहराईच में मौजूद हैं। मुखबिर से प्राप्त सूचना पर एसटीएफ टीम व मुम्बई क्राईम ब्रान्च टीम द्वारा उपरोक्त स्थान से मुख्य शूटर शिव कुमार सिंह सहित 04 और अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त शिव कुमार ने पूछताछ में बताया कि मैं व धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वालें है। पूना में मैं स्क्रैप का काम करता था। मेरी व शुभम लोनकर की स्क्रैप की दुकान अगल-बगल थी। शुभम लोनकर लारेन्स विश्नोई के लिए काम करता है। उसने मेरी बात स्नैप चैट के माध्यम से लारेन्स विश्नोई के भाई अनमोल विश्नोई से कई बार करायी है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के एवज में मुझे यह बताया गया था कि हत्या के बाद दस लाख रूपये तुम्हें मिलेंगे तथा हर महीने तुम्हें कुछ न कुछ मिलता ही रहेगा। हत्या के लिए शस्त्र व कारतूस, सिम व मोबाईल फोन शुभम लोनकर व मो० यासीन अख्तर ने हम लोगों को दिया था। हत्या के उपरान्त आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नये सिम व मोबाईल फोन दिये गये थे। पिछले कई दिनों से हम लोग मुम्बई में बाबा सिद्दीकी की रैकी कर रहे थे और दिनांक 12-10-2024 की रात्री में सही समय मिलने पर हम लोगों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दिया। उस दिन त्यौहार होने के कारण पुलिस व भीड़-भाड़ भी थी, जिसके कारण दो लोग मौके पर पकड़ लिये गये थे और मैं फरार हो गया था। मैंने फोन रास्ते में फेंक दिया था और मुम्बई से पूना चला गया था। पूना से झाँसी व लखनऊ के रास्ते बहराईच पहुँचा था। बीच-बीच में मैं अपने साथियों व हैण्डलर्स से किसी का भी फोन