दिनांकः 16-11-2024 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को सीबीआई/नारकोटिक्स/ क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर Digital Arrest कर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के 02 सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार करने मंे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
*गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः*
1- राज कुमार सिंह पुत्र दान सिंह शेखावत, नि0-ग्रा0/पो0/थाना-बानॅसुर, जिला कोठपुतली बहरोड, राजस्थान हालपता- गली नम्बर-3, म0नं0-3, मोहल्ला होषियारपुर चौक नियर यूनियन बैंक, सेक्टर-51, नोएडा।
2- संदीप दोहरे पुत्र तुलाराम दोहरे निवासी म0नं0 10661/ए, इसाई टोला खाटीबाबा झांसी।
*बरामदगी-
1- 02 अदद मोबाइल फोन।
2- 41 अदद पेज WhatsApp के स्क्रीनशाट जिनमें ठगी में प्रयोग किये गये बैंक खातें की किट से सम्बन्धित जानकारी।
गिरफ्तारी का दिनांक, स्थान व समयः- स्थानः समिट बिल्डिंग के अपोजिट तरफ सनआई हास्पिटल के पास शहीदपथ के सर्विस लेन थाना क्षेत्र विभूतिखण्ड लखनऊ। दिनांकः 16-11-2024 समयः 10ः30 बजे।
एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से सीबीआई/नारकोटिक्स/क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर Digital Arrest कर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ0प्र0 की विभिन्न टीमो /इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में श्री विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि डा अशोक सोलंकी निवासी लखनऊ नेे थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में मुकदमा पंजीकृत कराया कि उनको सीबीआई/नारकोटिक्स/ क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर दो दिन तक जांच के नाम पर Digital Arrest कर 48 लाख रूपये की ठगी की गयी।
उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विषेषज्ञता के आधार पर विष्लेषण एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए दिनांक 14-11-2024 को एसटीएफ टीम द्वारा होटल द शान नियर बस स्टेशन गुरूग्राम हरियाणा से 05 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। उसी क्रम में आज दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।
गिरफ्तार अभियुक्त राज कुमार सिंह नें पूछताछ में बताया कि मैं बानसुर राजस्थान का मूल निवासी हूँ और वर्तमान में नोएडा में रहता हूँ। मेरे दोस्त विवेक प्रजापति ने मुझसे पेआउट/पेइन के बारे में बताया और कहा कि अगर तुम कारपोरेट एकाउन्ट की व्यवस्था कर लोगे तो हमे उस एकाउन्ट में जितना पैसा आयेगा उसका 30 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। मार्च 2024 में हमारा साथी पंकज फ्राड ;डिजिटल अरेस्ट की ट्रेनिंग के लिए कम्बोडिया गया वहां पर पंकज ने एक चाइनीज कम्पनी में ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के बाद पंकज इंडिया वापस आ गया और हम लोग मिलकर फ्राड का काम करने लगे। अगस्त 2024 में विवेक व पंकज ने मुझसे कहा कि एक आईसीआईसीआई का एकाउन्ट होल्डर नोएडा आ रहा है उसके एकाउन्ट में काम किया जायेगा। फिर हम लोग नोयडा के सेक्टर-52 में एक होटल में एकत्र हुए, मैने और मेरे एक दोस्त ने एकाउन्ट होल्डर के एसएमएस अलर्ट नम्बर पर एपीके एप/साफटवेयर लोड किया था एवं हमने कार्पोरेट एकाउन्ट का डिटेल चेक बुक एटीएम व सिम लेकर करीब 6-7 दिन लगातार इस बैंक खाते में रू 08 करोड़ की ठगी की। उसमें से हम लोगों ने 30 प्रतिशत कमीशन काटकर आपस में बांट लिया व शेष 70 प्रतिशत क्रिप्टो के माध्यम से चाइनीज लोगों के वॉलेट में कम्बोडिया भेज दिया था। इनके अतिरिक्त मैं और भी लोगों के साथ ट्रान्जेक्शन का काम कर ठगी करता हूँ। अभी दीपावली के पहले केवीबी बैंक एकाउंट के माध्यम से 36 लाख का फ्राड किया गया जिसमें मुझे 07 लाख कमीशन का मिला तथा दीपावली के बाद हम लोगो ने केनरा बैंक खाता सं0 120026491880 में लगभग 2.5 करोड की साइबर ठगी का काम किया हैं। इन्ही पैसों से मैने भिवाड़ी राजस्थान में 31 लाख रूपये का एक फ्लैट बुक कराया हैं। मैं व पंकज मिलकर कम्बोडिया में सिक्योरिटी के तौर पर अपना आदमी भेजने की तैयारी कर रहे थे जिसके बाद वहा से कालिंग कराकर और भी ठगी की जा सके।
गिरफ्तार अभियुक्त संदीप दोहरे ने राजकुमार की बातों का समर्थन करते हुए बताया कि मेरा एक दोस्त सागर अहिरवार ने मुझे कार्पोरेट एकाउन्ट के सम्बन्ध में बताया और कहा कि क्या इस तरह के एकाउन्ट मिल जायेगे तो उसमें ट्रांजेक्शन कर रूपये कमाये जा सकते है तो मैने इसके सम्बन्ध में अपने दोस्त रोहित सेखरवार व सनी से के माध्यम से एकाउन्ट की डिटेल एकत्र कर सागर को देने लगा जिसपर सागर पंकज के माध्यम से ठगी कराता था। हम लोग सिर्फ स्कैम वन शाट पर एक ही दिन काम करते थे। मै फील्ड से बैंक खाते एकत्र कर सागर को देता था सागर आगे एकाउंट भेजकर उसमें रूपये डलवाता था और सभी को कमीशन मिलता था। मैने सागर को अब तक लगभग 50 बैंक खातों की डिटेल उपलब्ध करायी है।
अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैक खाते, वालेट की जानकारी/परीक्षण व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।
उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को मु0अ0सं0 142/2024 धारा 319(2),318(2),338, 336, 340, 61(2)ए BNS व 66 डी आईटी एक्ट, साइबर क्राइम थाना लखनऊ में दाखिल कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।