दिनांकः 14-11-2024 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को सीबीआई/नारकोटिक्स/ क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर Digital Arrest कर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के 05 सदस्यों को गुरूग्राम हरियाणा से गिरफ्तार करने मंे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः-
1- पंकज सुरेला पुत्र कैलाश चन्द्र सुरेला निवासी ग्राम खोरी, थाना बानसूर, जिला अलवर (कोटपुतली बहरोड) राजस्थान उम्र-28 वर्ष, षिक्षा- बीएससी (सरगना)
2- सागर सिंह पुत्र विपिन कुमार निवासी म0नं0 30, वार्ड नं0 3, छोटा मुहल्ला ऐट, थाना ऐट ,जनपद जालौन उ0प्र0 उम्र- 24 वर्ष, षिक्षा- बीटेक ड्रापआउट।
3- सनी वर्मा पुत्र किशन वर्मा निवासी म0नं0 1409 नन्दनपुरा, थाना सीपरी बाजार, जनपद झांसी उ0प्र0 उम्र 24 वर्ष, षिक्षा- बीबीए।
4- अंशुल माहौर पुत्र स्व0 राज कुमार माहौर निवासी म0नं0 687 कमल सिंह कालोनी, थाना प्रेमनगर, जनपद झांसी उम्र 21 वर्ष, षिक्षा- बीकाम।
5- अभय सिंह पुत्र बबलू सिंह निवासी ग्राम रैपुराजाट मथुरा हालपता रेलवे कालोनी, रानी लक्ष्मी नगर, झांसी उम्र 21 वर्ष, षिक्षा- बीबीए।
बरामदगी-
1- 06 अदद मोबाइल फोन।
2- 02 अदद एटीएम कार्ड।
3- 01 अदद आधार कार्ड।
4- 02 अदद पैन कार्ड।
5- 01 अदद वोटर आईडी कार्ड।
6- 01 अदद रेलवे मेडिकल कार्ड।
7- 133 अदद पेज Whatssapp के स्क्रीनषाट जिनमें ठगी में प्रयोग किये गये बैंक खातें की , किट से सम्बन्धित जानकारी
7- रू0 620/- नकद।
गिरफ्तारी का दिनांक, स्थान व समयः- दिनांकः 14-11-2024 स्थानः होटल दा षान नियर बस स्टेषन गुरूग्राम हरियाणा, समयः 13ः45 बजे ।
एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से सीबीआई/नारकोटिक्स/ क्राईमब्रांच के अधिकारी बनकर Digital Arrest कर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ0प्र0 की विभिन्न टीमांे/इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में श्री विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि डा अषोक सोलंकी निवासी लखनऊ नेे थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में मु0अ0स0 142/24 धारा 319;2द्ध, 318;2द्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 एवं 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत कराया कि दिनांक 20-08-2024 को सायं जब वह अपने क्लीनिक से अपने घर वापस लौट रहे थे तो अचानक उनके मोबाईल पर एक काल आई जिसने अपना परिचय फेडेक्स सर्विस, अंधेरी ईस्ट, मुम्बई दिया और बताया कि एक कोरियर जो ईरान के लिए श्री अरमान अली के नाम पर भेजा गया है, जिसमें 4 एक्सपायर्ड पासपोर्ट, 1 लैपटाप, 1 पेनड्राइव, 4 क्रेडिट कार्ड, 420 ग्राम एम०डी०एम०ए० नामक प्रतिबंधित मादक द्रव्य एवं 3 कि०ग्रा० ट्वॉयज आदि सामान डा अषोक सोलंकी के आधार नम्बर एवं मोबाईल नं० से भेजा गया है, इस सम्बन्ध में एक एफ०आई०आर० कम्पनी ने लिखित NCB/ MUM/14705 दर्ज कराई है। इस सम्बन्ध में डा0 सोलंकी को मुम्बई क्राइम ब्रांच के फर्जी अधिकारी से कनेक्ट कर बताया कि इसी आधार नम्बर एवं मोबाईल नम्बर से कई बैंकों में खाते खोले गये हैं जिसमें हवाला के जरिए करोड़ों रूपये का लेन-देन हुआ है इसलिए यह अति आवश्यक है कि उनके खातों की जांच की जाय। उनके खातों से रिजर्व बैंक के माध्यम से पैसा उन खातो में भेजा जायेगा जिससे गुनहगारों को पकड़ने में मदद मिलेगी। साथ ही स्काईप के माध्यम से फर्जी डी०सी० मुम्बई क्राइम ब्रांच, मुम्बई नारकोटिक्स ब्रांच से बात करने को कह कर डराया और धमकाया और इसमें सी०बी०आई० और ई०डी० भी काम कर रही है यह बताया गया और यह भी कहा गया के आप अपना बैंक खाता चेक कीजिए कि कहीं से उसमें गलत पैसा तो नहीं आया है, जो पैसा आपके खाते में है वह पैसा फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा बताये हुए एकाउन्ट में तुरन्त ट्रान्सफर करने को बोला और यह बताया गया कि उसका परीक्षण आर०बी०आई० और वित्त मंत्रालय द्वारा किया जायेगा, उसके उपरान्त आपका पैसा आपके खाते में पुनः वापस भेज दिया जायेगा। साथ ही उनको यह भी धमकाया गया कि इसकी चर्चा जब तक उनका पैसा बताये गये खाते में हस्तान्तरित नहीं हो जाता है तब तक किसी से भी नहीं करेंगे अन्यथा की स्थिति में उनका जीवन भी संकट में आ सकता है। इस प्रकरण में उनको दो़ दिन तक घर के कमरे में कैद रखा गया जब पैसा हस्तान्तरित हो गया तब डा अषोक सोलंकी ने अपने मित्रों और रिश्तेदार से चर्चा की, तो पता चला कि उनके साथ एक बड़ा फ्राड हो गया और उनके जीवन की मूल कमाई रू 48.00 लाख जो एक झटके में चली गयी।
उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विषेषज्ञता के आधार पर विष्लेषण किया गया तो पता चला कि यह रू 48 लाख पहले दो बैंक खातों में जमा कराये गये फिर उनको अलग अलग कुल 178 बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विषेषज्ञता एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए दिनांक 14-11-2024 को एसटीएफ टीम द्वारा होटल दा षान नियर बस स्टेषन गुरूग्राम हरियाणा से उपरोक्त पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।
गिरफ्तार अभियुक्त पंकज नें पूछताछ में बताया कि मैं मार्च 2024 में मैं कम्बोडिया गया था मुझे वहां पर सुरेश सेन ने 03 लाख रूपये लेकर भेजा था। मेरे साथ पंकज यादव व बस्तीराम यादव निवासी रामनगर थाना बांनसुर अलवर राजस्थान गये थे। एयरपोर्ट से हमें एक पाकिस्तानी नागरिक लगभग 500 किमी दूर कम्पनी के आफिस लेकर गया। उस कम्पनी के मालिक चाइना के 5-6 लोग थे। उस कम्पनी में भारत ,पाकिस्तान व नेपाल के लोग काम करते हैं। वहां पर हम लोगो को ट्रेनिंग दी गयी कि आपको भारतीय लोगो को काल कर बताना हैं कि मैं कस्टम/नारकोटिक्स डिपार्टमेन्ट से बात कर रहा हूं, आपके नाम से एक पार्सल मलेशिया ,श्रीलंका ,चाइना भेजा जा रहा हैं इसमें आपका नाम हैं वेरीफाई कर रहा हूँ इसमें बहुत अवैध ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट व अन्य सामान हैं। आपकी जांच सीबीआई/नारकोटिक्स/क्र्राईमब्रांच को ट्रान्सफर कर दी गयी हैं। अब आपकी जांच वहां से हो रही है। फिर हम लोग सीबीआई/क्राइम ब्रांच ईडी अधिकारी बनकर लोगो को बताते थे कि आपकी जांच हम कर रहे हैं जब तक आपकी जांच समाप्त नहीं हो जाती है आपको डिजिटली अरेस्ट कर रहे हैं। अब आप आनलाइन हमारे सम्पर्क में रहेंगे। इसके बाद उनलोगों को डराधमका कर केस समाप्त करने के नाम पर मोटी रकम भारतीय बैंक खातों में वसूलते हैं। भारत में इन खातों को आपरेट करने के लिए इन कम्पनियों से जुडे हुए लोग रहते है। उनका एक आदमी कम्बोडिया में सिक्योरिटी के तौर पर इस कम्पनी में रहता है। बैंक खातें में आये रूपये मे से बैंक खाता धारक व एकाउन्ट आपरेटरों को 30 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। शेष 70 प्रतिशत कम्पनी के वालेट में क्रिप्टो के माध्यम से भेजा जाता है। सुरेष सेन ने कालिंग के काम के लिए इंडिया से लगभग 100 लोंगों को कम्बोडिया भेज रखा है। कुछ दिन काम करने के बाद मैं व बस्तीराम यादव इंडिया वापस आ गये और इंडिया में मै बैंक खातों को आपरेट करने का काम करने लगा। इसी बीच मेरी मुलाकात इस काम को लेकर राज कुमार सिंह, सागर सिंह,, संदीप, सनी वर्मा, आदि से हुई। सागर सिंह, कार्पोरेट बैंक खाते जिनकी लिमिट एक करोड से अधिक हो की किट ;चेकबुक, एटीएम कार्ड, इंटरनेट बैंकिग का यूजरआईडी पासवर्ड, एमक्यूआर, बैंक खाते से लिंक सिम व ईमेलआईडी, आधार कार्ड व पैनकार्ड मय खाता धारकद्ध एकत्र कर मुझे देता है। मैं बैंक खाते से लिंक सिम वाली डिवाइस में एपीके फाइल के माध्यम से एक साफ्टवेयर डाउनलोड कर देता हू। व साथ ही बैंक खाता धारक को कब्जे में ले लेता हूॅ। फिर अपने पार्टनर राजकुमार, गैंग के सदस्यों से सम्पर्क कर उस बैंक खातें में बेनीफिसयरी एड कराकर बैंक खाते को ट्रांजेक्षन के लिए रेडी करा लेता हूॅं। एक खातें में फ्राड करने के लिए चार से पांच लेयर तैयार की जाती है जिसमें कम से कम 30-40 बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। साइबर ठगी के लिए मेरे एवं गैंग द्वारा अबतक लगभग 500 बैंक खातों का प्रयोग किया जा चुका है। नागेन्द्र कुमार पाठक के बैंक खाते के माध्यम से डा0 अशोक सोलंकी से की गयी ठगी के बारे में पूछने पर बताया अगस्त 2024 में सागर सिंह ने एक आईसीआईसीआई बैंक का कार्पोरेट एकाउन्ट भेजा था तो मैने सागर से किट के साथ एकाउन्ट होल्डर को नोएडा के सेक्टर 52 बुलवाया था वहां पर मैने मेरे पार्टनर राजकुमार सिंह के माध्यम से एक होटल बुक कर रखा था वही पर एकाउंट होल्डर व मेरे गैंग के लोग रूके थे। उससे किट लेकर मैने एपीके फाइल के माध्यम से साफ्टवेयर उसके मोबाइल में डाउनलोड कर दिया व ट्रान्जेक्शन का काम शुरू कर दिया था। दि0 20.08.2024 से 22.08.2024 तक डा0 अशोक कुमार सोलंकी को डिजिटली अरेस्ट कराकर 48 लाख रूपये की साइबर ठगी की गयी। उस एकाउन्ट में लगभग 08 करोड़ रूपये की ठगी 10 दिनों में की गयी जो भी रूपया बैक खातों में आया उसका 30 प्रतिषत कमीशन हमलोगों ने आपस में बाटकर शेष 70 प्रतिषत क्रिप्टो के माध्यम से कम्पनी के वालेट में भिजवा दिया। दीपावली के तीसरे दिन भी मैने सागर द्वारा दिये गये केनरा बैंक खाते में लगभग 2.5 करोड की साइबर ठगी का काम अपने साथियों के साथ मिलकर किया हैं। इसके अतिरिक्त हम लोग फर्जी गेमिंग व स्टाक कम्पनियों में भी ठगी के लिए ऐसे ही एकाउंट लगाते हैं।
गिरफ्तार अभियुक्त सागर ने पूछताछ में बताया कि मैं उरई का रहने वाला हूँ तथा झांसी में रहकर संदीप, सनी, अभय, अंसुल आदि के माध्यम से कार्पोरेट बैंक एकाउन्ट को इकट्ठा करने का काम करता हूँ। डा0 अशोक सोलंकी के साथ हुई ठगी में मैं भी शामिल था तथा मुझे भी अपना कमीशन मिला था। गिरफ्तार अभियुक्त सनी वर्मा ने पूछने पर बताया कि दीपावली के तीसरे दिन जिस केनरा बैंक खाते में लगभग 2.5 करोड रूपये की साइबर ठगी का काम किया गया था वह एकाउन्ट मैने ही सागर को उपलब्ध कराया था। कल यहां पर लोगों को डिजिटली अरेस्ट कराकर बैंक खातों में ठगी कराने के लिए आया था । मेरे साथ अंशुल महौर व अभय सिंह भी आये थे। यही लोग बैंक खाते फील्ड से इकट्ठा करते हैं। केनरा बैंक का उपरोक्त खाता यही लोग लाये थे ।
अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैक खाते, वालेट की जानकारी/परीक्षण व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।
उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को मु0अ0सं0 142/2024 धारा 319(2),318(2),338, 336, 340, 61(2)ए ठछै व 66 डी आईटी एक्ट, साइबर क्राइम थाना लखनऊ में दाखिल कर आवष्यक कार्यवाही की जा रही है।