नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- सनातन धर्म मे छठ पूजा के पर्व को बहुत पवित्र त्योहार माना गया है। इस उत्सव को 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि सूर्य देव पूजा करने से जातक को कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। इस साल कल यानी 5 नवंबर से छठ पर्व की शुरुआत हो रही है। छठ पर्व का पहला दिन नहाय-खाय का होता है। इस दिन घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है ताकि घर का वातावरण शुद्ध और पवित्र हो। इस दिन छठ पूजा का व्रत रखने वाली महिलाएं सिर्फ सादा और सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। छठ पूजा के भी कुछ खास नियम होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है।
छठ पूजा पर नहाय-खाय के दिन करें इन जरूरी नियमों का पालन
– छठ पूजा का पहला दिन, ‘नहाय-खाय’, इस पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता है।
– इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए। इसके बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो स्नान के बाद नए वस्त्र ही पहनें, वरना आप धुले हुए साफ वस्त्र भी पहन सकते हैं।
– अब पूरे विधि-विधान से छठ पूजा का व्रत लेने का संकल्प लें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाकर उनकी पूजा अर्चना करें।
– छठ पूजा के दौरान खाने में शुद्धता का खास ख्याल रखा जाता है। इस दिन बनने वाले खाने में भूलकर भी लहसुन-प्याज आदि का प्रयोग न करें। इस दिन भोजन में चने की दाल, कद्दू की सब्जी, और चावल को प्रमुखता दी जाती है।
– इस दिन भोजन बनाने के लिए नए या अच्छी तरह से साफ किए गए बर्तनों का ही उपयोग करते हैं, ताकि भोजन में पवित्रता बनी रहे।
– नहाय-खाय के दिन भोजन पहले सूर्य देव को अर्पित करें, उसी के बाद आप भोजन कर सकते हैं।
नहाय खाय के दिन इस बात का भी खास ख्याल रखें कि इस दिन बनाया हुआ खाना सबसे पहले, छठ पूजा का व्रत रखने वाली महिलाएं ही खाएं। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भोजन करें।
नहाय खाय के दिन जिन लोगों को छठ पूजा का व्रत नहीं रखना है उनको भी सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष छठ महापर्व का पहला दिन, नहाय-खाय कल यानी 5 नवंबर 2024 को है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा। इस दौरान व्रती पूजा अर्चना कर सकते हैं। नहाय खाय के दिन व्रती महिलाएं सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करें और उसके बाद गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। ऐसा करना बहुत अच्छा और शुभ माना जाता है। यदि आस-पास नदी न हो तो घर में ही पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद स्वच्छ या नए वस्त्र धारण करें और छठ पूजा के व्रत का संकल्प लें। इस दिन से ही छठ पूजा का व्रत शुरू माना जाता है। यह व्रत संतान और परिवार की खुशहाली के लिए समर्पित होता है। अब सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें और पूजा अर्चना करें। इसके बाद चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का सात्विक भोजन ग्रहण करें। मान्यता के अनुसार, नहाय खाय के दिन स्नान करने और शुद्ध भोजन करने से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। यह छठ पूजा की शुरुआत का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। नहाय खाय नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। यह दिन पुराने पापों से मुक्ति और नए जीवन की शुरुआत का संकल्प लेने का दिन माना जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा की जाती है और व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन केवल सात्विक भोजन किया जाता है। इस दिन किए गए दान का भी बहुत अधिक महत्व है।