(मानवी मीडिया) : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि जब पूरी दुनिया में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है, ऐसे वक्त में भारत की राजनीतिक स्थिरता पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। जयशंकर ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में लगातार तीसरी बार सत्ता में आना आम बात नहीं है। एक मीडिया संस्थान के कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये बात कही। जयशंकर ने कहा कि 'पूरी दुनिया भारत की राजनीतिक स्थिरता को देख रही है। खासकर ऐसे वक्त में जब अधिकतर देश राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं। ऐसे वक्त में एक लोकतांत्रिक देश में लगातार तीसरी बार निर्वाचित होना कोई आम नहीं है।' विदेश मंत्री ने कहा कि 'पूरी दुनिया की नजरें भारत के आर्थिक विकास पर भी हैं क्योंकि अन्य देशों को 7-8 प्रतिशत की विकास दर को पाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत में व्यापार को लेकर कई बड़ी कंपनियां उत्साहित हैं और देश में भारी निवेश हो रहा है।'
उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ समस्या के हल पर बात करते हुए कहा, "मैं सेनाओं के पीछे हटने को बस उनके पीछे हटने के रूप में देखता हूं, न उससे कुछ ज्यादा, न कुछ कम। यदि आप चीन के साथ वर्तमान स्थिति को देखते हैं तो हमारे सामने एक ऐसा मुद्दा रहा कि हमारे सैनिक असहज तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के बिल्कुल करीब हैं जिससे हमें उनके पीछे हटने का कदम उठाने की जरूरत पड़ी। और इसलिए 21 अक्टूबर की यह सहमति सेनाओं के पीछे हटने से जुड़ी सहमतियों में आखिरी थी। इसके क्रियान्वयन के साथ ही इस समस्या के हल की दिशा में सेनाओं के पीछे हटने का काम पूरा हो गया।"
अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की जीत पर जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी चुनाव हमें अमेरिका के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। ये बताते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी जनता की जो चिंताएं और प्राथमिकताएं थी, वो अब और ज्यादा सघन हो गई हैं। अमेरिकी चुनाव नतीजे बताते हैं कि अमेरिकी लोग वैश्विकरण के प्रभावों से खुश नहीं हैं। चीन को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के सैनिक जब आमने-सामने आ गए थे तो सरकार के स्तर पर बातचीत के जरिए ही तनाव को कम करने में मदद मिली। गुरुवार को विदेश मंत्री संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर थे। वहां एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को आज वैश्विक कार्यस्थल के लिए तैयार होने की जरूरत है। साथ ही भारत को इलेक्ट्रॉनिक चिप, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष और सड़कों के नए युग के लिए भी तैयार रहना होगा।