प्रोफ़ेसर राजशरण शाही ने ऐतिहासिक शोध विधि’ की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक विज्ञानों में होने वाले शोधकार्यों में इसकी प्रासंगिकता एवं भारतीय शिक्षा में ऐतिहासिक अनुसंधान के उद्देश्यों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।
प्रोफ़ेसर राजशरण शाही ने ऐतिहासिक शोध के स्रोतों की चर्चा करते हुए लार्ड मैकाले द्वारा लिखित दो पत्रों का विवरण दिया जो ऐतिहासिक शोध’ में प्राथमिक स्रोत होते है I इसके साथ ही साथ प्रोफ़ेसर शाही ने द्वितीयक स्रोतों को भी उदाहरणों के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा की।
व्याख्यान के अंत में शोधार्थियो द्वारा पूछे गए प्रश्नों का सरलता से प्रोफ़ेसर राजशरण शाही ने उत्तर दिया एवं ऐतिहासिक शोध विधि’ से सम्बंधित शंकाओं का समाधान किया गया Iप्रोफ़ेसर राजशरण शाही का धन्यवाद ज्ञापन विभाग के शोधार्थी सना नाहिद द्वारा किया गया I
कार्यक्रम की संयोजिका डाक्टर नीतू सिंह तथा सह-संयोजक डाक्टर सूर्यनारायण गुप्ता के साथ विभाग के शिक्षकगण एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।