सीएम योगी बोले 'त्रेतायुग में जब बजरंग बली रहे होंगे, तब इस्लाम का नामोनिशान नहीं होगा - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, November 6, 2024

सीएम योगी बोले 'त्रेतायुग में जब बजरंग बली रहे होंगे, तब इस्लाम का नामोनिशान नहीं होगा


लखनऊ : (मानवी मीडियाउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को महाराष्ट्र के चुनावी दौरे पर रहे। महाअघाड़ी पर बरसते हुए उन्होंने इसे 'महाअनाड़ी' गठबंधन बताया। अमरावती की जनसभा में सीएम योगी ने दो टूक कहा कि नवनीत राणा यहां हनुमान चालीसा के लिए भी संघर्ष कर रही थीं। त्रेतायुग में जब बजरंग बली रहे होंगे, तब इस्लाम नाम की वस्तु ही नहीं रही होगी। उन्होंने कहा कि किन कारणों से रामनवमी की शोभायात्रा निकालने और हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका जाता है। जिन्हें बजरंग बली पसंद नहीं है, उन्हें जो पसंद हैं, वे वहीं जाएं। आखिर भारत में कौन भारतीय है, जो राम व बजरंग बली को नहीं मानता है।  सीएम योगी ने कहा कि चुनाव में दो महागठबंधन लड़ रहे हैं। एक तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा, शिवसेना व एनसीपी का महायुति गठबंधन है तो दूसरी तरफ महाअघाड़ी के रूप में महाअनाड़ी गठबंधन है। 

जिसे देश, धर्म, राष्ट्रीयता,  समाज-राष्ट्र में मूल्यों-आदर्शों के मर्यादाओं की चिंता न हो, वह अनाड़ी होता है। महाअनाड़ी गठबंधन यही कार्य कर रहा है। महाविकास अघाड़ी के लिए सत्ता भ्रष्टाचार, लूट-खसोट का जरिया है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए आतंकवाद-नक्सलवाद को बढ़ावा देना इनका उद्देश्य है।  महायुति गठबंधन मोदी जी के नेतृत्व में कहता है- तेरा वैभव अमर रहे मां- हम दिन चार रहें न रहें, महाअघाड़ी वाले कहते हैं कि मेरा वैभव अमर रहे मां- चाहे तुम रहो न रहो।  सीएम योगी ने कहा कि सत्ता आएगी और जाएगी, लेकिन हमारा भारत रहना चाहिए और मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहिए। 

महाअनाड़ी गठबंधन भारत और भारतीयता के सम्मान व स्वाभिमान के साथ खेलने वाला है। कांग्रेस और एनसीपी के लोग कहते थे कि राम-कृष्ण हुए ही नहीं। राम का विरोध करने वालों को भी अब राम याद आने लग गए। सीएम ने कहा कि 500 वर्ष बाद रामलला ने अपनी जन्मभूमि पर दीपावली व दीपोत्सव के साथ आनंद लिया है। सीएम योगी ने कहा कि शिवाजी महाराज का संघर्ष भारत के स्वाभिमान व सम्मान का संघर्ष था। औरंगजेब की सत्ता को चुनौती देने के लिए शिवाजी महराज आगरा गए थे। वहां म्यूजियम बन रहा था, जब मैं मुख्यमंत्री बना तो आगरा गया। वहां बताया गया कि यह मुगल म्यूजियम है और इसमें औरंगजेब से जुड़ी हुईं स्मृतियां रहेंगी। मैंने कहा कि औरंगजेब तो विदेशी आक्रांता था, उससे तुम लोगों का क्या संबंध है। इस म्यूजियम का नाम बदलो, इसका नाम छत्रपति शिवाजी की स्मृति में होगा।  

Post Top Ad