लखनऊ : (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुग्रीव किला की अपनी महत्ता है।यहां का पौराणिक महत्व सर्वविदित है। मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम वनवास के लिए जा रहे थे, तो उन्होंने यहां की व्यवस्था का दायित्व भरत जी को सौंपा था। भरत ने यहां की मणियों के खजाने से एक भवन बनाया। भगवान श्रीराम वनवास से अयोध्या आगमन के पश्चात इसे देखकर अभिभूत थे।
उन्होंने सुग्रीव जी को ही निवास के लिए यह भवन दिया था, जिससे यह पूरा क्षेत्र सुग्रीव किला के नाम पर विख्यात हो गया। अयोध्या में इस स्थान का सम्बन्ध जगद्गुरु सिद्धयोगी देवरहा बाबा से रहा है। मुख्यमंत्री आज अयोध्या में रामानुजीय परम्परा की पीठ सुग्रीव किला में श्रीराजगोपुरम तथा श्रीराजगोपुरम में स्थापित मूर्तियों का अनावरण करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित संत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले सुग्रीव किला तक आने के लिए बहुत संकरा रास्ता था। अब दो ओर से प्रशस्त मार्ग बन गया है। इससे यहां आने में अब कोई बाधा नहीं है। 500 वर्षों से सनातन धर्मावलम्बियों का संकल्प था कि अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान हों। पूज्य संतों के भाव से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह कार्य सम्भव हो पाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक परम्पराएं थीं, जिन्होंने केवल रामकाज के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया। यह हमारा सौभाग्य है कि जिस कार्य के लिए अनेक पीढ़ियों ने स्वयं का बलिदान कर दिया, उसे हम अपने सामने मूर्त रूप लेते हुए देख रहे हैं। समाज को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने के लिए पूज्य श्री देवरहा बाबा और श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी ने अपना पूरा जीवन समर्पित किया था। यह प्रसन्नता का विषय है कि पूज्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज की भावनाओं के अनुरूप सुग्रीव किला में आज भव्य श्रीराजगोपुरम का अनावरण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या एक भव्य स्वरूप ले रही है। आज की अयोध्या में न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण है, बल्कि अयोध्या अब दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में अपने आप को स्थापित कर रही है। अयोध्या का यह भव्य स्वरूप सनातन धर्म का भी एक स्वरूप है। यह सनातन धर्मावलम्बियों की भावनाओं का मूर्त रूप है। इसका संरक्षण करना और इसे अनन्त काल तक सुरक्षित रखना अयोध्यावासियों का दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म हमें सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। हमारी स्मृतियां समाज का मार्गदर्शन करती रही हैं, समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती रही हैं। जब भी हमने इनकी अनदेखी की, उसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा है। इतिहास की गलतियों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए गलतियों का परिमार्जन किया जाना समय की मांग है। यदि कोई संस्कृति या व्यवस्था समय से ही अपनी गलतियों का परिमार्जन कर ले, तो वह विखण्डित होने से बच जाती है।
इस अवसर पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य पूज्यस्वामी श्रीविश्वेशप्रपन्नाचार्य जी महाराज, श्रीरंगम से पधारे संतजन, श्रीहनुमानगढ़ी के श्रीमहंत धर्मदास जी महाराज, श्रीमहंत रामलखन दास, अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी सहित पूज्य संतजन एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। संत सम्मेलन के उपरान्त, मुख्यमंत्री ने रामकथा पार्क में स्मार्ट सिटी/स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत नगर निगम अयोध्या की मैकेनाइज़्ड स्वीपिंग मशीन, एफ0एस0एस0एम0 व कूड़ा संग्रहण हेतु वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों में 01 मोबाइल एफ0एस0एस0एम0 वाहन, 06 मैकेनाइज़्ड स्वीपिंग मशीन तथा 18 हॉपर टिपर शामिल हैं। इसके पश्चात, मुख्यमंत्री ने सरयू अतिथि गृह में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के कैम्पेन ‘देखो अपना देश-पसंदीदा पर्यटन स्थल (पीपुल्स च्वाइस) सर्वे-2024 उत्तर प्रदेश सरकार महाअभियान का शुभारम्भ किया।