लखनऊ : (मानवी मीडिया) बौद्ध विहार शांति उपवन में पालि साहित्य सम्मेलन की शनिवार को शुरुआत हुई। सम्मेलन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक शामिल हुए। इस अवसर पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- भगवान बुद्ध की वाणी और शिक्षा पाली भाषा में विरासत के तौर पर पूरे संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान की ओर से सम्मेलन का 11 नवंबर तक आयोजन किया जाएगा। इसमें देशभर के 800 आचार्य, बौद्ध भिक्षु, विद्वान और बौद्ध उपासक शामिल होंगे। पाली भाषा हमारी संस्कृति का अभिन्न अंगअंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य। सम्मेलन के उद्घाटन में पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- पाली भाषा हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा-हमारी सरकार ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। इस अद्भुत विरासत को सम्मानित करने का काम किया है। हमारी सरकार ने सभी धर्मों का सम्मान किया है। सबका साथ, सबका विकास का नारा धार्मिक, सांस्कृतिक तौर पर सबको एक बनाता है। भगवान बुद्ध ने दिया शांति का संदेश
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक बौद्ध साहित्य सम्मेलन में हुए शामिल डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा- भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया। पाली सम्मेलन में सम्मिलित होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा- भगवान बुद्ध ने पूरे विश्व को मानवता और शांति का संदेश दिया है। हमारा प्रयास है कि अपने जीवन में भगवान बुद्ध की बातों को लागू करें।
कार्यक्रम में बौद्ध समाज के भिक्षुक डिप्टी सीएम और अन्य लोग।
पालि साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। विश्व शांति एवं सद्भाव है थीम बौद्ध शोध संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविंद बौद्ध ने बताया- 9 से 11 नवम्बर तक इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव की थीम ‘विश्व शांति एवं सद्भाव बढ़ाने में पालि साहित्य का योगदान' रखी गई है। सम्मेलन में बौद्ध पर्यटन, पालि भाषा, साहित्य, पुरातत्व, बौद्ध संस्कृति, प्राचीन इतिहास तथा भारतीय ज्ञान परम्परा पर विस्तार से मंथन किया जाएगा।