मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 1 से बढक़र 1.50 प्रतिशत रही। इस सप्ताह के प्रारंभ में जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तीव्र वृद्धि के साथ खुदरा मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह स्तर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तय सीमा से अधिक है, जिससे दिसंबर में नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल हो सकता है। उल्लेखनीय है कि फिल्म पिपली लाइव का गीत महंगाई डायन खाए जात है, बढ़ती हुई कीमतों पर एक कटाक्ष है और जब भी महंगाई दर बढ़ती है तो लोगों को वो गाना याद आ जाता है।
मुंबई (मानवी मीडिया): महंगाई से राहत उम्मीद कर रही जनता के लिए खास खबर है। खबर यह है कि थोक महंगाई अक्टूबर में बढक़र चार महीने के उच्च स्तर 2.36 प्रतिशत पर पहुंच गई है। खास तौर पर खाद्य वस्तुओं खासकर, सब्जियों तथा मैन्युफैक्चर किए गए प्रोडक्ट के दाम में बढ़ोतरी इसकी मुख्य वजह रही। आंकड़ों की मानें तो रोजाना की जरूरत वाले सामानों की महंगाई दर 6.59 से बढक़र 8.09 प्रतिशत हो गई। इसी प्रकार खाने-पीने की चीजों की महंगाई 9.47 प्रतिशत से बढक़र 11.59 प्रतिशत हो गई। फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर -4.05 से घटकर -5.79 प्रतिशत रही।