लखनऊ : (मानवी मीडिया) नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सभी विद्युत कार्मिकों को अपने क्षेत्र के जर्जर व झुके पोल, ढीली व जर्जर लाइनों तथा आवासीय मकान को छूकर जाने वाली बिजली के खुले तारों की विषम परिस्थितियों को तत्काल सही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिजली की ऐसी व्यवस्था से विद्युत दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें अधिकांशतः जनहानि, पशुहानि से लेकर आग लगने तक की दुर्घटनाए हो जाती हैं। विद्युत दुर्घटनाए कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह हमारी व्यवस्था की गड़बड़ियों की वजह से हो रही है, जिसे तत्काल सुधारा जाना चाहिए। इसके लिए अधिकारी नियमित रूप से अपने क्षेत्रों में जाकर विद्युत व्यवस्था की सघन मॉनिटरिंग करें। सभी डिस्कॉम बिजली चोरी के खिलाफ सघन अभियान चलाए।
विद्युत चोरी रोकने के लिए बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाए। जिन क्षेत्रों में ऑर्गेनाइज्ड चोरी हो रही है, वहां पर सबसे पहले विद्युत चोरी रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए। ऐसे में किसी भी उपभोक्ता को अनावश्यक परेशान न किया जाए, जिन क्षेत्रों से बिजली चोरी की शिकायतें प्राप्त होती हैं, उसे चिन्हित कर चोरी रोकने हेतु प्रयास किए जाए। अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे क्षेत्र हैं, जहां 60 प्रतिशत से ज्यादा लाइन हानियां हैं, इसको कम करने के लिए ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करके विद्युत चोरी रोकने हेतु सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक स्वयं प्रयास करें और विजिलेंस व विभागीय स्तर से भी प्रयास तेज़ किए जाय।
ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा शनिवार को शक्ति भवन में विद्युत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग न तो अपने राजस्व हानि की भरपाई कर पा रहा और न ही निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली ही कर पा रहा। उन्होंने विद्युत बकाएदारों से बिजली बिल वसूलने के लिए ठोस रणनीति बनाकर कार्य करने को कहा। विद्युत कनेक्शन देने में निर्धारित मानकों का सही से अनुपालन हो।
लाइन और पोल की शिफ्टिंग में भी उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखा जाए। उपभोक्ताओं की समस्याओं की अनदेखी न करें, सभी कार्मिक उपभोक्ताओं से शालीनता से व्यवहार करें। उपभोक्ताओं को समय से सही बिल मिले, यह सुनिश्चित किया जाए, जहां पर भी गलत बिल की शिकायत आए वहां कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि विगत दो महीने में गलत बिलिंग एवं उपभोक्ताओं के हितों के विरुद्ध कार्य करने के आरोप में पूर्वांचल डिस्कॉम के 200 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया। उन्होंने सख़्त चेतावनी दी कि उपभोक्ताओं को सुविधाएं देने के मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अनुरक्षण कार्यों के लिए शटडाउन लेने संबंधी सूचना उपभोक्ताओं को पहले से ही देने को कहा, इससे उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं होगी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाने व सुदृढ़ीकरण के कार्यों में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। व्यापक स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा। आने वाले समय में सभी उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति मिलेगी। साथ ही विद्युत् ढांचे की मजबूती से प्रदेश का भी तेजी से विकास होगा। केंद्र की आरडीएसएस योजना से सभी क्षेत्रों में बिजली के जर्जर पोल, जर्जर लाइन को हटाया जा रहा है। उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जा रही है। इसके लिए विद्युत कार्मिक सतत प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2017 से अब तक प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है, जिससे हम प्रत्येक क्षेत्र को भरपूर विद्युत आपूर्ति दे पा रहे हैं। उन्होंने उपभोक्ताओं से भी विद्युत बिलों को समय से भुगतान करने तथा जरूरत के मुताबिक विद्युत प्रयोग की आदत बनाने का आग्रह किया।
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ० आशीष कुमार गोयल ने ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अनुरक्षण कार्यों हेतु सभी क्षेत्रों को पर्याप्त धनराशि दी गई है। ऐसी स्थिति में ट्रांसफार्मर की क्षतिग्रस्तता जहां बढ़ेगी, वहां कार्रवाई होगी। उन्होंने सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देशित किया कि जिन क्षेत्रों में विद्युत राजस्व वसूलने में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है वहां जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता अपने क्षेत्र में जिम्मेदारी लें और बेहतर परिणाम दें। बैठक में दक्षिणांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल तथा केस्को में भी विद्युत कार्यों में सुधार के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि लाइन हानिया कम करने और बिजली बिलों की वसूली में तेजी लाए।