ढाका (मानवी मीडिया):बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव के बीच एक नए मोड़ पर, सरकार ने हिंदू समुदाय के 17 लोगों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। इस सूची में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य और देशद्रोह के आरोपी चिन्मय कृष्ण दास भी शामिल हैं।
यह कदम हाल ही में हुई हिंसा और देशद्रोह के आरोपों के बाद उठाया गया है। चटगाँव में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा, हिंदू नेता के समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में एक वकील की मौत हो गई थी।
सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि इन खातों का इस्तेमाल देशद्रोही गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। इस घटनाक्रम के बाद, बांग्लादेश हाई कोर्ट में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका दायर की गई है। हालांकि, कोर्ट ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं सुनाया है।
विपक्ष ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक और हमला बताया है। उनका कहना है कि सरकार राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश सरकार से धार्मिक सहिष्णुता बनाए रखने का आग्रह किया है।