बिहार को पीएम मोदी ने दी बड़ी सौगात, दरभंगा में एम्स की रखी आधारशिला - मानवी मीडिया

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Wednesday, November 13, 2024

बिहार को पीएम मोदी ने दी बड़ी सौगात, दरभंगा में एम्स की रखी आधारशिला


दरभंगा : (मानवी मीडिया) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू कर उन्होंने अपनी एक ‘गारंटी’ पूरी कर दी है। पीएम मोदी ने बुधवार को यहां शोभन में बिहार के दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधाराशिला रखने के साथ ही 12 हजार करोड़ रुपये की अलग-अलग योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने अपनी एक गारंटी पूरी कर दी है। सत्तर साल से ऊपर के जितने भी बुजुर्ग हों, उनके मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू हो गई है। जल्द ही सभी वृद्धों के पास आयुष्मान वंदन कार्ड होगा। छोटे शहरों में भी इलाज की बेहतरीन सुविधा पहुंचाने के लक्ष्य की ओर हम काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कोई परिवार नहीं चाहता कि उसके घर में कोई बीमारी पड़े। शरीर स्वस्थ रहे, इसके लिए योग, आयुर्वेद और पोषक खान-पान का महत्व बताया जा रहा है। फिट इंडिया मूवमेंट चलाया जा रहा है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीमारियों की आम वजह गंदगी, दूषित खानपान और खराब जीवनशैली होती है। इसलिए, स्वच्छ भारत अभियान, हर घर शौचालय और नल से जल जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। ऐसे आयोजनों से शहर तो स्वच्छ बनता ही है, बीमारियां फैलने की गुंजाइश भी कम हो जाती है। उन्होंने बिहार सरकार को दरभंगा में बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाए जाने पर आभार जताया और आगे भी इसे जारी रखने की अपील की। 

पीएम मोदी ने कहा कि देश में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सबसे ज्यादा बीमारियां प्रभावित करती हैं। घर में कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए तो पूरा परिवार संकट में आ जाता है। हम इस चिंता को समझते हैं। पहले के दौर में अस्पताल बहुत कम थे, चिकित्सकों की संख्या बहुत कम थी, दवाइयां बहुत महंगी थी, जांच का कोई ठिकाना नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर का सपना पूरा किया है। अब कोई भी अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बन सकता है। हिन्दी और दूसरी भारतीय भाषाओं में भी मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प दिया जा रहा है। इससे गरीब, आदिवासी और दलित परिवारों के बच्चे भी डॉक्टर बन सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य की पूर्व की सरकारें सिर्फ वादों और दावों में उलझी रही थी। बिहार में जब तक नीतीश कुमार सरकार में नहीं आए तब तक गरीबों की चिंता को लेकर कोई गंभीरता नहीं थी। गरीब लोगों के पास चुपचाप बीमारी सहने के अलावा कोई चारा नहीं था। ऐसी स्थिति में हमारा देश कैसे आगे बढ़ता। इसलिए पुरानी सोच और अप्रोच, दोनों को बदला गया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का सुशासन मॉडल अद्भुत है। बिहार को जंगलराज से बाहर निकालने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई।

मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने छोटे किसानों और छोटे उद्योगों को महत्व देकर विकास की धारा बहाई है। हवाईअड्डे और एक्सप्रेसवे से विकास हो रहा है। दरभंगा में हवाईअड्डा चालू होने से दिल्ली, मुंबई के लिए सीधी उड़ान है। उन्होंने कहा कि दरभंगा से रांची के लिए भी विमान सेवा शुरू होगी। 

आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे पर भी काम चल रहा है।प्रधानमंत्री ने ‘बिहार कोकिला’ शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मिथिला की बेटी शारदा सिन्हा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने भोजपुरी और मैथिली संगीत की जो सेवा की है वह अतुल्य है खास तौर पर छठ की महिमा को जिस तरह उन्होंने अपनी गीतों से पूरी दुनिया में पहुंचाया वह अद्भुत है।

मोदी ने कहा कि आज बिहार समेत पूरा देश विकास के बड़े-बड़े लक्ष्य को पूरा होते देख रहा है। जिन सुविधाओं परियोजनाओं की चर्चा होती थी आज वह वास्तविकता बनकर जमीन पर उतर रही है। उन्होंने कहा कि हम विकसित भारत की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि हम इसके साक्षी बना रहे हैं और इसे पूरा करने में अपना योगदान भी दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बेटी सेवा के लिए, लोगों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है। सेवा की इसी भावना से जहां विकास से जुड़े 12000 करोड रुपये की अलग-अलग परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है और सबसे बड़ी बात दरभंगा में एम्स का सपना साकार होने का बड़ा कदम उठाया गया है। दरभंगा एम्स के निर्माण से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। इससे मिथिला और तिरहुत क्षेत्र के अलावा पश्चिम बंगाल और आसपास के कई क्षेत्र के लोगों के लिए सुविधा हुई। नेपाल से आने वाले मरीज भी इस एम्स में इलाज कर सकेंगे। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

मोदी ने कहा, “दरभंगा में कहावत है ‘पग-पग पोखरी, माछ-मखान, मधुर बोल, मुसकी मुख पान।’ हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि यहां के मछली पालकों और किसानों का हित करना है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत बिहार के किसानों को 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा दिए गए हैं। मिथिला के किसानों को भी इस योजना का फायदा मिला है। एक जिला एक उत्पाद योजना से यहां के मखाना समेत अन्य उत्पादों को देश भर के बाजारों में बेचा जा रहा है। मखाना को जीआई टैग भी मिला है। मत्स्य संपदा योजना के तहत मछलीपालकों को हर कदम पर मदद की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार भारत की विरासत का बड़ा केंद्र है। इसे संजोना सभी की जिम्मेदारी है। राजग सरकार विकास और विरासत के मंत्र पर चल रही है। नालंदा विश्वविद्यालय फिर से अपना गौरव पाने की तरफ बढ़ रहा है। अलग-अलग भाषाएं हमारी अनमोल विरासत है। इन्हें बोलना और बचाना भी जरूरी है। हाल ही में हमने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया। इस भाषा में भगवान बुद्ध के संदेश और बिहार की संस्कृति निहित है। मोदी ने दरभंगा स्टेट के महाराजा रहे कामेश्वर सिंह को याद करते हुए कहा कि आजादी के पहले और बाद में भारत के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। काशी में भी उनके कार्यों की बहुत चर्चा होती है। उन्होंने कहा, “कामेश्वर सिंह के सामाजिक कार्य दरभंगा का गौरव है। हम सभी के लिए प्रेरणा है।”

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) को एम्स में तब्दील करने की बात कही गई थी लेकिन उसमें थोड़ी दिक्कत आई थी। इसके बाद शोभन में एम्स बनाने का प्रस्ताव दिया गया, इसे अब स्वीकार कर लिया गया है। राज्य सरकार इस तक पहुंच बनाने के लिए रास्ता चौड़ा करने जा रही है। उन्होंने कहा कि डीएमसीएच में एम्स बनाना संभव नहीं था। नई जगह एम्स बनने से दरभंगा से विस्तार होगा।

नीतीश कुमार ने कहा कि आज महत्वपूर्ण दिन है। दरभंगा एम्स का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जा रहा है। इससे बिहार के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलेगी। वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पहली बार पटना में एम्स के निर्माण का फैसला लिया गया था। पटना में एम्स बना और काफी लोग इलाज कराने यहां आते हैं। दूसरी बार प्रधानमंत्री मोदी का शासन शुरू हुआ तो 2015 में भी बिहार में दूसरे एम्स का निर्णय लिया गया था। इस संबंध में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से हम जाकर मिले थे।

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