लखनऊ : (मानवी मीडिया) उत्तराखण्ड महोत्सव का आयोजन किया गया है। गोमती तट स्थित भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में शाम-ए-अवध के नजारे देखने को मिल रहे हैं। दस दिवसीय उत्तराखण्ड महोत्सव का समापन 18 नवंबर को होगा। रंग -बिरंगी वेष-भूषा में ढाल-तलवार, मसकबीन, तुरही, रणसिंह आदि लिए उत्तराखण्ड से आये छोलिया दल, उत्तराखण्ड के परिधानों व आभूषणों से सजी महिलाओं के दलों ने झोड़ा, डांस उत्तराखण्ड डांस के कलाकारों, नाचेगा भारत तथा मेहमान कलाकारों ने और भी सुरमयी बना दिया। उत्तराखंडी संस्कृति से प्रभावित होकर इस महोत्सव में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
महोत्सव में पहुंचे राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड महापरिषद हर साल लखनऊ में दस दिवसीय महोत्सव आयोजित कर उत्तराखंड की संस्कृति के साथ साथ विभिन्न प्रांतों की संस्कृति से लखनऊवासियों को रूबरू कराने का सराहनीय कार्य कर रही है। महोत्सव के दूसरे दिन रविवार होने की वजह से काफी भीड़ उमड़ी, भीड़ देखकर स्टाल धारकों के चेहरे खिल उठे। वहीं आज यानी को सोमवार को भी काफी चहचहाहट देखने को मिली। लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों से दर्शकों के आने जाने के लिए महापरिषद ने बसों की विशेष व्यवस्था भी की है। मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह कनवाल ने बताया महोत्सव में विविध सामग्री के 200 स्टाल लगे हैं। इन स्टालों में उत्तराखण्ड की दालों, हर्बल जूस, कश्मीरी शॉल, कालीन, अनेक प्रांतों के हस्तशिल्पियों एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद के साथ खान पान तथा बाल मिठाई के स्टाल भी लगे हैं।
महोत्सव के दूसरे दिन 5 से 15 वर्ष आयुवर्ग के 12 प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इनमें शुभि अग्रवाल (प्रथम), गार्गी द्विवेदी (द्वितीय), अनीता (तृतीय) स्थान पर रहीं जबकि अनय भट्ट को सांत्वना पुरस्कार मिला। इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में पुष्पा वैष्णव, रेनू अधिकारी, राजेश्वरी रावत ने विशेष भूमिका निभाई। निर्णायक मण्डल में कमला चुफाल तथा अंजलि बौनाल रही। कराटे एसोसिएशन उत्तर प्रदेश व जन शिक्षण संस्थान कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आत्म रक्षा (कराटे) का प्रशिक्षण मंच के माध्यम से दिया गया। उत्तराखण्ड के पारम्परिक व्यंजन प्रतियोगिता में 35 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें पूनम कनवाल (प्रथम), राजेश्वरी रावत ( द्वितीय) और विमला चौहान तथा नीलम अधिकारी (तृतीय) स्थान पर रहीं। इस प्रतियोगिता में जज की भूमिका में प्रेमा पाण्डेय, मंजू पडलिया, पुष्पा वैष्णव, दीवान सिंह अधिकारी, हरीश चन्द्र पंत, पूरन चन्द्र जोशी तथा दीपक भट्ट रहे।
संस्कृति विभाग देहरादून के सहयोग से उधान्चल कला केन्द्र अल्मोड़ा के कलाकारों ने छोलिया नृत्य की प्रस्तुति महोत्सव स्थल पर घूम घूम कर दी। उत्तराखंडी गाने में आरोह वर्मा ने नृत्य, अन्ने भट्ट की गुलाबी शरारा की प्रस्तुति, प्रिन्सी एवं तन्नू की सुन्दर प्रस्तुतियों ने दर्शकों को प्रभावित किया। सावरी सावरी त्यार खुटुका झावरी गाने में सुनीता लटवाल की प्रस्तुति, गार्गी द्विवेदी का कथक, अनिका श्रीवास्तव का शास्त्रीय नृत्य तथा आदित्य अधिकारी के निर्देशन में अदिति अधिकारी, प्रिया भट्ट तथा सिद्धी जोशी की प्रस्तुति पहाड़ी मैसप आदि को खूब पसंद किया गया।