लखनऊ : (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश में सभी सरकारी विभागों के स्थाई कर्मचारियों को प्रमोशन मिलता है, लेकिन एक विभाग ऐसा भी है जहां पर आजादी के 77 साल बाद भी किसी कर्मचारी को प्रमोशन नहीं मिलता है। इसके पीछे की वजह सेवा नियमावली का न होना बताया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रमोशन होना तो दूर की बात इस विभाग के कर्मचारियों की कई अन्य सेवा संबंधी समस्याएं हैं, लेकिन उसका भी समाधान नहीं हो रहा है। इस विभाग के कर्मचारियों की माने तो सरकार हमारे साथ न्याय नहीं कर रही है। यह दुर्दशा नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के कर्मचारियों की है।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि 25 अक्टूबर तक यदि कर्मचारियों के हित में कोई फैसला सरकार नहीं लेती है, तो प्रदेश व्यापी कार्यबंदी ही एक मात्र रास्ता बचेगा। दरअसल, निकाय कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। यही वजह है कि कर्मचारी संघ ने इसी माह में आंदोलन का ऐलान कर रखा था, लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा से उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का समय रहते निर्णय कराएं जाने का अनुरोध किया।
जिस पर मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आंदोलन की तारीख से पहले बैठक करने का आश्वासन दिया है, लेकिन कर्मचारी संघ ने अपना रुख साफ कर रखा है कि यदि बैठक के बाद भी बात नहीं बनी तो आंदोलन निश्चित है। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने संदेश यात्रा शुरू कर रखी है। इस यात्रा के जरिये कर्मचारियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक किया जा रहा है। जिससे कर्मचारियों में एक जुटता बढ़ती जा रही है। यह यात्रा बीते लंबे समय से चल रही है और यूपी के सभी जिलों में संगठन के प्रदाधिकारी लगातार कर्मचारियों से मिल रही है। प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने बताया कि लखनऊ मंडल और बाराबंकी जिले की दरियाबाद नगर पंचायत, टिकैत नगर, रामसनेही घाट, हैदरगढ़ नगर पचायंतो में अवधक्षेत्र के अध्यक्ष राम कुमार रावत, उपाध्यक्ष मो.हनीफ, संजय चन्द्रा, विजय यादव समेत अन्य कर्मचारी प्रतिनिधियों ने जनजागरण अभियान चलाया है। जिससे स्थानीय और शासन स्तर पर निकाय कर्मियों की समस्याओं की जानकारी पहुंच सके।
उन्होंने बताया कि बीते कई वर्षों से महासंघ ने सैकड़ों आन्दोलन किये, पत्राचार, ज्ञापन आदि के जरिये भी कर्मचारियों की समस्या नगर विकास विभाग तक पहुंचाई, लेकिन आज तक समाधान का एक कदम भी कर्मचारियों के हित में नहीं उठाया गया है। उन्होंने बताया कि निकायों में आज कोई भी अकेन्द्रियत सेवा नियमावली ही नहीं है, जिससे सफाई कर्मचारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के किसी एक भी संवर्ग की पदोन्नति नहीं हो पा रही है। वहीं लिपिक, टैक्स विभाग,लेखा , अभियंत्रण, जलकल जल संस्थानों, मार्ग प्रकाश, कूड़ा निस्तारण, ड्राइवर, कम्प्यूटर आपरेटर, आदि किसी एक संवर्ग की न ही वेतन विसंगति दूर हुई और न ही पदोन्नति हो सकी। दैनिक वेतन, संविदा, तदर्थ पर नियुक्ति कर्मचारियों पर वर्ष 2016 को जारी विनियमितिकरण के आदेश भी निकायों पर लागू नहीं हो सका