प्रतिबंधित संगठन PFI पर ED का बड़ा खुलासा - मानवी मीडिया

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Saturday, October 19, 2024

प्रतिबंधित संगठन PFI पर ED का बड़ा खुलासा


दिल्ली  : 
(मानवी मीडिया)  प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की चल और अचल 35 संपत्तियों को जब्त किया है। इन संपत्तियो की कीमत करीब 57 करोड़ रुपये हैं। इन संपत्तियों में कई ट्रस्ट, कंपनिया और निजी संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने दिल्ली पुलिस और NIA द्वारा दर्ज मामलों को आधार बनाकर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। 

जांच में पता चला कि PFI के 29 खातों में देश और विदेश से फंड आया था। डमी फर्मों से फंड हवाला के जरिए और दूसरे तरीकों से भेजा गया था। ED इस मामले में फरवरी 2021 से मई 2024 तक PFI से जुड़े 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ED ने अब तक 94 करोड़ रुपए की अपराध से अर्जित आय का पता लगाया है। 

ED को अपनी जांच में पता चला की PFI का विदेशों में भी बड़ा नेटवर्क है। इसके सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं। इन देशों में रहने वाले गैर निवासी मुस्लिम से पैसे इकट्ठा करने के लिए PFI ने डिस्ट्रिक्ट एग्जेक्यूटिव समिति (DEC) का गठन किया है, जिन्हें करोड़ो रुपए की फंडिंग करने का टारगेट दिया गया है। 

यह पैसा भारत में पीएफआई की आतंकवादी और अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जांच में पता चला कि पीएफआई का असल मकसद उसके दूसरे मकसदों से अलग है। जांच में पता चला कि  पीएफआई का असली मकसद भारत में जिहाद के ज़रिए इस्लामी स्टेट की स्थापना करना है, जबकि वह खुद को सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है।

पीएफआई अपने कृत्यों को गैर-हिंसक बताती थी, लेकिन हासिल सबूतों से पता चलता है कि उनके विरोध के तरीके हिंसक हैं। ED ने अपनी जांच के दौरान पीएफआई के विरोध के कुछ तरीको को कुछ इस तरीके से बताया है, जैसे गृह युद्ध की तैयारी करना। ED ने अपनी जांच में पाया कि PFI भारत में गृह युद्ध करने के लिए हवाई हमले, गोरिल्ला वॉर करने के लिए एक अलग से टेली कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार करने की प्लानिंग कर रहा था। PFI ने अपने सदस्यों को अधिकारियों को परेशान करने, उनको ठगने, सामाजिक संबंध बनाने के साथ दुनिया को मरा हुआ दिखाने के लिए नकली अंतिम संस्कार करने का भी निर्देश दिया था। 

साथ ही भारत के खिलाफ साजिश के तहत PFI राष्ट्र की एकता और अखण्डता को कमजोर करना चाहता है, जिसके लिए वो कानूनों को तोड़ना, दोहरी पहचान और भारत के अंदर समानांतर सरकार चलाना समेत भारत के सीक्रेट एजेंटों की पहचान उजागर करना भी शामिल था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें, दिल्ली में फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में हिंसा भड़काने और परेशानी पैदा करने की साजिश। हाथरस में साम्प्रदायिक माहौल को बिगाड़ने और आतंक फैलाने के लिए PFI और CFI के सदस्यों का दौरा।

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