जानकारी के अनुसार, आदिवासी समुदाय के चुने हुए प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को राज्य सरकार के मुख्यालय मंत्रालय में विरोध प्रदर्शन किया। वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर अपनी मांगें रखना चाहते थे। हालांकि, जब उनकी मुलाकात नहीं हो पाई तो उन्होंने यह कदम उठाया। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और उन्हें सुरक्षित वहां से निकाल लिया। आपको बता दें कि झिरवाल विधानसभा में डिप्टी स्पीकर भी हैं।
बता दें, ये विधायक पेसा अधिनियम के तहत आदिवासी युवाओं की भर्ती पर रोक हटाने और अनुसूचित जनजाति (एसटी) कोटे से धनगर आरक्षण देने के विरोध में थे। इस विरोध प्रदर्शन में विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के अलावा बहुजन विकास अघाड़ी विधायक राजेश पाटिल और भाजपा सांसद हेमंत सवारा भी शामिल थे। ये सभी आदिवासी समुदाय से आते हैं।