बंगाल : (मानवी मीडिया) कल्याणी जेएनएम हॉस्पिटल के 75 से अधिक वरिष्ठ चिकित्सकों ने आरजी कर अस्पताल की मृतक चिकित्सक के लिए न्याय की मांग करते हुए सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी और अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रति एकजुटता व्यक्त की। अस्पताल के कुल 77 चिकित्सकों ने 14 अक्टूबर से काम बंद करने के अपने फैसले के बारे में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के पंजीयक को ईमेल के माध्यम से सूचित किया है उन्होंने इस कदम के पीछे ‘‘मानसिक अशांति’’ और ‘‘वर्तमान मन: स्थिति में काम करने में असमर्थता’’ की वजह बतायी है। चिकित्सकों ने कहा कि वे आमरण अनशन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रति एकजुटता जताते हैं, जिनकी सेहत बिगड़ रही है।
उन्होंने ‘‘इस मुद्दे को हल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट प्रयास की कमी’’ पर भी चिंता व्यक्त की। आंदोलनकारी आरजी कर अस्पताल की मृतक चिकित्सक के लिए न्याय मांग रहे हैं, जिसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी थी। वे स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम को तुरंत हटाने, कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और अन्य उपाय लागू किए जाने की भी मांग कर रहे हैं। कल्याणी जेएनएम हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने प्राधिकारियों को समस्या को हल करने के लिए 14 अक्टूबर तक का वक्त दिया है जिसमें नाकाम रहने पर उनकी सामूहिक इस्तीफा देने की योजना है। राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के कई चिकित्सकों ने पिछले कुछ दिनों में इस मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को सामूहिक ‘‘इस्तीफा’’ पत्र सौंपे हैं। राज्य सरकार ने शनिवार को कहा कि चिकित्सकों का सामूहिक इस्तीफा वैध नहीं है और सेवा नियमों के अनुसार हर व्यक्ति को अलग-अलग इस्तीफा सौंपना चाहिए।