उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) सरकार की आलोचना के लिए किसी पत्रकार के खिलाफ क्रिमिनल केस नहीं किया जा सकता.' पत्रकार अभिषेक उपाध्याय को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही है. अभिषेक उपाध्याय ने अपने खिलाफ दर्ज यूपी पुलिस की एक एफआईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब देने के लिए कहा है.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि इन चार हफ्तों के दौरान यूपी सरकार अभिषेक उपाध्याय के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई ना करे. सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अभिषेक उपाध्याय पर भी नाराजगी जताते हुए पूछा कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पक्षकार क्यों बनाया है? इस पर अभिषेक के वकील ने कहा कि याचिका में बदलाव कर दिया जाएगा. इस मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी.