नोएडा : (मानवी मीडिया) नाबालिग सौतेली बेटी से दुष्कर्म के मामले में दोष सिद्ध होने पर अदालत ने यूपी के हाथरस के चंदपा निवासी वीरेंद्र शर्मा को 20 साल की कैद और 60 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (विशेष जज) पाक्सो एक्ट-प्रथम विकास नागर ने सजा सुनाते हुए कहा कि जुर्माना अदा नहीं करने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास काटना होगा।
पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जेपी भाटी ने बताया कि नाबालिग की मां की पहली शादी 1997 में हुई थी। इस शादी से दो बेटे और एक बेटी हुई। सन 2008 में पति की मौत के बाद पीड़िता की मां ने वीरेंद्र शर्मा से 2012 में दूसरी शादी की। पीड़िता का कहना है कि शादी के बाद से ही वीरेंद्र शर्मा उसके पहले पति से हुए बच्चों के साथ मारपीट करता था। 2019 में जब पीड़िता (16) ने खुलासा किया कि उसके साथ दो साल से गलत काम किया जा रहा है तो यह सुनकर पीड़िता की मां हैरान रह गई।
इस मामले में जब वीरेंद्र शर्मा से पूछा तो वह भड़क गया और सभी को जान से मारने की धमकी देने लगा। पीड़िता की मां अपने बच्चों को लेकर आगरा अपने मायके आ गई। वहां पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची तो कह दिया गया कि घटना नोएडा में हुई है, रिपोर्ट भी वहीं पर दर्ज होगी। इसके बाद पीड़िता की मां अपने मायके वालों के साथ नोएडा पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई। वीरेंद्र को गिरफ्तार किया गया। अदालत में सात लोगों की गवाही हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत में वीरेंद्र शर्मा का दोष सिद्ध हुआ। जिसके बाद अदालत ने वीरेंद्र शर्मा को 20 साल का कठोर कारावास और 60 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई।