फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अब कश्मीर पंडितों की घर वापसी का समय आ गया है। मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे भाई और बहन, जो उस समय यहां से चले गए थे, अब वापस आएं और अपने घरों को संभालें। यह समय उनकी घर वापसी का है।
उन्होंने आगे कहा, हम ना सिर्फ कश्मीरी पंडितों के बारे में सोचते हैं, बल्कि जम्मू के लोगों के बारे में भी चिंतित हैं। हमें उनके साथ अच्छे व्यवहार करना चाहिए और उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार उनकी दुश्मन नहीं है। हम भारतीय हैं और यहां सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।
दशहरा उत्सव में पहली बार शामिल होने पर उन्होंने कहा, मैं पहली बार आया हूं क्योंकि मुझे पहले कभी नहीं बुलाया गया। आज मुझे याद किया गया और मैं यहां आ गया। यह मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव था। मेरे वालिद के जमाने में, यह कार्यक्रम इकबाल ग्राउंड में होता था और उस समय हमारे हिंदू भाई भी बड़ी संख्या में शामिल होते थे। आज उनकी कमी महसूस होती है। अल्लाह करे कि अगले साल यह कमी दूर हो जाए।