लखनऊ : (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जनपद लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि जनपद में अनधिकृत रूप से प्लाटिंग करने वाले बिल्डर्स को भूखण्ड विक्रय से पूर्व समस्त अवस्थापना सुविधाओं यथा विद्युत, पेयजल, सीवर/ड्रेनेज तथा सड़क आदि व्यवस्थाओं को विकसित करने हेतु निर्देश दिए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि विल्डर्स द्वारा इन अवस्थापना सुविधाओं को नहीं विकसित किया जाता है,
तो जिलाधिकारी के माध्यम से इन कार्यों पर होने वाले व्यय को संबंधित विल्डर्स से वसूली कराकर नगर निगम द्वारा उस क्षेत्र में सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। सभी विभागों द्वारा सम्बन्धित बिल्डर्स को डेवलपमेंट चार्ज जमा कराये जाने हेतु नोटिस निर्गत करते हुए भारमुक्त होने के उपरान्त ही प्लाटिंग किये जाने के निर्देश दिये। प्रभारी मंत्री आज कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जनपद में लोक निर्माण विभाग की 17 विभिन्न योजनाओं के संबंध में बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क जिस विभाग द्वारा बनायी जाए, अनुरक्षण कार्य भी उसी विभाग द्वारा कराया जाए। अनुरक्षण के समय ड्रेनेज सिस्टम को भी सही किया जाय।
उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण के समय गैस पाइप लाइन, वॉटर पाइप लाइन, सीवर लाइन आदि से संबंधित विभागों से एनओसी आवश्य प्राप्त की जाए, जिससे सड़क निर्माण के उपरान्त इन कार्यों हेतु बार-बार सड़क की खुदाई न की जाए। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ड्रेनेज सिस्टम को प्रभावित करने वाले अतिक्रमण को जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेते हुए हटवाया जाए। जनपद लखनऊ में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सभी विधानसभाओं से कुल 707 कार्यों के प्रस्ताव बैठक में प्रस्तुत किये गये,
इनमें राज्य योजना एवं नाबार्ड के अंतर्गत प्रमुख एवं अन्य जिला मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के 24 कार्य, नाबार्ड योजना अंतर्गत ग्रामीण मार्गों का नवनिर्माण के 54 कार्य, राज्य सड़क निधि के 255 कार्य, मार्गों के अनुरक्षण के 332 कार्य एवं दीर्घ तथा लघु सेतुओं का निर्माण के 32 कार्यों आदि के प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि बड़े हित की जनसुविधाओं के कार्यों जैसे पुल, नाले इत्यादि को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार किया जाए। इसके साथ ही साथ नगरीय क्षेत्रों के विस्तारीकरण के क्षेत्रों को भी प्रस्ताव में समाहित किया जाए।