लखनऊ (मानवी मीडिया) राजधानी लखनऊ में आज नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय जी के प्रोत्साहन से *मिशन शक्ति, राष्ट्रीय सेवा योजना व हाइजीन क्लब* के संयुक्त तत्वावधान में *ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता* पर एक महत्वपूर्ण *व्याख्यान* का आयोजन किया गया। इस अवसर पर *डॉ. रेशम श्रीवास्तव* (सीनियर कंसल्टेंट, रेडियंट ऑन्कोलॉजी, कैंसर केयर, मेदांता हॉस्पिटल) द्वारा ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम, लक्षणों की पहचान और उपचार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी पावरप्वाइंट के माध्यम से साझा की गई।
डॉ. रेशम श्रीवास्तव ने स्तन कैंसर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। डॉ. श्रीवास्तव ने स्तन कैंसर की समय पर पहचान के लिए मैमोग्राम और अन्य स्क्रीनिंग तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियमित स्क्रीनिंग से स्तन कैंसर का प्रारंभिक चरण में पता लगाया जा सकता है, जिससे उपचार अधिक प्रभावी होता है।कार्यक्रम में स्तन कैंसर से जुड़े मिथकों का खंडन किया गया और सही जानकारी प्रदान की गई। डॉ. श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि स्तन कैंसर के बारे में कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है।
स्तन कैंसर के विभिन्न उपचार विकल्पों पर चर्चा की गई, जिसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी शामिल हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक मरीज के लिए उपचार का चयन व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है।स्तन कैंसर के आंकड़ों और इसके प्रभाव पर भी चर्चा की गई। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है, और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वस्थ जीवनशैली और व्यायाम का स्तन कैंसर की रोकथाम में महत्व पर जोर दिया गया। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार से स्तन कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में एक खुला प्रश्न-उत्तर सत्र आयोजित किया गया, जहां उपस्थित लोगों ने अपने सवाल पूछे और डॉ. श्रीवास्तव ने उनके उत्तर दिए। इस सत्र ने सभी को स्तन कैंसर के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया। डॉ. श्रीवास्तव ने गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के बारे में भी जानकारी दी, जो महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। उन्होंने इसके लक्षण, रोकथाम और उपचार के बारे में बताया और नियमित जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।डॉ. श्रीवास्तव ने गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम में पेप्समीयर टेस्ट, टीकाकरण की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) वैक्सीन गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है और इसे किशोरावस्था में ही लगवाना चाहिए।इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं और संकाय सदस्यों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। उनकी सक्रिय सहभागिता ने इस कार्यक्रम को और भी सफल बनाया। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की मिशन शक्ति समिति, राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाई, एवम हाइजिन सेनिटेशन सेल के सहयोग से सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ। रॉबिन हुड एवं दिया बाती संस्था की ओर से प्रिया जी उपस्थित रही। ये कार्यक्रम मेदांता हॉस्पिटल के श्री मनोज अवस्थी द्वारा संयोजित किया गया। ।कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षा विभाग की डॉ सीमा पांडेय द्वारा किया गया।