नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- शारदीय नवरात्रि चल रहा है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। रविवार को मां के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की गई है। कई भक्तों ने अपने घरों में कलश की स्थापना की है, साथ ही अखंड दीप भी जलाया है।
इस दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करने के साथ ही दुर्गासप्तशती का पाठ भी करते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार, शारदीय नवरात्रि के दौरान, नौ दिन लगातार दुर्गासप्तशती का पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामना मां दुर्गा पूरा करती हैं। आपको इस एक ऐसे मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नियमित पाठ करने से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। अगर आप भी विवाह को लेकर चिंतित हैं और चाहते हैं कि आपकी जल्द से जल्द शादी हो जाए तो यह स्टोरी आपके लिए है। मां कात्यायनी को विवाह की देवी माना जाता है। वह दुर्गा मां का छठा रूप भी हैं। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि मां कात्यायनी का आशीर्वाद मिल जाए, तो विवाह में आने वाली सभी समस्या दूर हो जाती है। लेकिन, इसके लिए आपको नवरात्रि के छठे दिन विधि-पूर्वक सावधानी से माता की पूजा करनी होगी। आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपकी ओर से कोई गलती न हो।
सुबह नहाकर, घर में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं। ध्यान दें कि आपके कपड़े स्वच्छ हों। इसके बाद इस मंत्र का शुद्ध रूप से जाप करे। मंत्र कुछ इस प्रकार है।
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्।
तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥
कहा जाता है कि इस मंत्र के नियमित जाप से भगवती प्रसन्न होती हैं और इच्छानुसार जीवनसाथी प्रदान करती हैं। साथ ही साथ इस मंत्र का जाप करने से आपके जीवन में कई चीजों में बदलाव देखने को मिलता है। आप अपने जीवन के कठोरतम फैसले बिना किसी डर के ले पाते हैं। आप खुद में सकारात्मक ऊर्जा महसूस करते हैं।