लखनऊ (मानवी मीडिया)विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक-अध्यात्मिक महाकुम्भ-2025 का आयोजन अगले वर्ष जनवरी में किया जायेगा। महाकुम्भ से पूर्व प्रदेश के समस्त मण्डलों में इसके महत्व से परिचित कराने एवं जन-मानस को सांस्कृतिक, अध्यात्मिक पूण्य लाभ प्राप्त कराने के लिए मण्डलीय स्तर विभिन्न गतिविधियां आज से दिसम्बर, 2024 तक आयोजित की जायेंगी। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए मण्डल स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करते हुए आयोजन स्थल निर्धारित कर दिये गये हैं। सभी मण्डलों में आयोजित कुम्भ समिट के अंतर्गत कुम्भ रोड-शो, बाल-युवा कुम्भ, शक्ति कुम्भ, कला-संस्कृति कुम्भ, कवि कुम्भ, तथा भक्ति कुम्भ जैसे कार्यक्रम सम्पन्न कराये जायेंगे।
प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के अंतर्गत मण्डल स्तर पर किये जाने वाले कार्यक्रमों के संबंध में प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह आज लोकभवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। महाकुम्भ को अलौकिक, दिव्य तथा भव्य रूप देने में मीडिया कि भागीदारी जरूरी है। मीडिया के लोग महाकुम्भ के महात्मय एवं लोगों की जुड़ी आस्था, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत आदि के बारे में मार्केटिंग एवं ब्राण्डिंग करके देश-दुनिया में संदेश पहुंचायें। इस महा आयोजन से जन-मानस को जोड़कर महाकुम्भ को जन-आन्दोलन का रूप दें।
जयवीर सिंह ने कहा कि पिछले महाकुम्भ में 24 करोड़ श्रद्धालु आये थे। इस महाकुम्भ-2025 में 50 करोड़ लोगों की आने की संभावना है। इसके लिए प्रयागराज सहित प्रदेश के अन्य स्थानों को सजाया व संवारा जा रहा है। प्रयागराज में चल रहे निर्माण कार्य को 10 दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। 10 दिसम्बर के बाद प्रधानमंत्री प्रयागराज आ सकते हैं। इसलिए महाकुम्भ की तैयारियों के साथ-साथ व्यापक प्रचार-प्रसार की रणनीति तैयार की गई है। महाकुम्भ के संबंध में विदेशों तथा देश के विभिन्न राज्यों के बड़े शहरों में कार्यक्रम आयोजित करने की कार्ययोजना बनायी गयी है। इसके अंतर्गत प्रदर्शनी एवं रोड-शो करके लोगों को जागरूक किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को जागरूक करने के लिए कलाकारों के माध्यम से सांस्कृतिक अदान-प्रदान किया जायेगा। इससे कलाकारों को रोजी-रोटी प्राप्त होने के साथ ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्हों ने कहा कि अब तक संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर 12600 कलाकारों का पंजीकरण किया गया है। लोक कलाकारों को प्रोत्सहित करने से जहों एक ओर विलुप्त होती जा रही लोक विधाओं को पुनर्जीवित किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर कलाकारों को रोजी-रोटी से जोड़ा जा सकेगा।
इसी प्रकार 11-12 नवम्बर को आगरा मण्डल के दयालबाग इन्टीट्यूट, 14-15 नवम्बर को गोरखपुर मण्डल के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय, गोरखपुर, 18-19 नवम्बर को आजमगढ़ मण्डल के श्रीदुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय आजमगढ़, 21-22 नवम्बर को सहारनपुर मण्डल के मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, 25-26 नवम्बर को मुरादाबाद मण्डल के तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय मुरादबाद, 28-29 नवम्बर को बरेली मण्डल के रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, 02-03 दिसम्बर को मिर्जापुर मण्डल के राजकीय इंजीनियरिंग कालेज, सोनभद्र, 05-06 दिसम्बर को देवीपाटन मण्डल के आदिशक्ति मां माटेश्वरी पब्लिक स्कूल देवीपाटन, 09-10 दिसम्बर को बस्ती मण्डल संतकबीर अकादमी, मगहर, संतकबीर नगर तथा 13-14 दिसम्बर को प्रयागराज मण्डल के उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग के डॉ0 राजेश अहिरवार, रेनू रंगभारती एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।