उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वाराणसी के रोशनी कुशल जायसवाल मामले में शनिवार को सवाल उठाया कि यह कैसा न्याय है, जहां पीड़िता को ही प्रताड़ित किया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने श्रीनेत को मामले की जांच-पड़ताल के बाद बोलने की सलाह देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिना भेदभाव की सरकार है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, चाहे रोशनी हों या कोई अन्य, सभी के लिए कानून समान है.
शनिवार को रोशनी कुशल जायसवाल का यही वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस के सोशल मीडिया एवं डिजिटल मंच की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘यह वाराणसी की रोशनी कुशल जायसवाल हैं. जब भी यह सोशल मीडिया पर कुछ लिखती थीं तो एक दरिंदा भाजपाई बलात्कार की धमकी देता था. इन्होंने उस ‘भगवाधारी राजेश सिंह’ के खिलाफ आवाज उठाई- क्या यह गुनाह है."श्रीनेत ने कहा,‘‘क्या चाहता है पुलिस प्रशासन कि एक औरत चुपचाप बलात्कार की धमकी सहती रहे? यह कैसा न्याय है जहां पीड़िता को ही प्रताड़ित किया जा रहा है?’’ सलाह देने के अंदाज में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ''नज़ीर ऐसी बननी चाहिए जहां लड़कियों के लिए इस तरह के शब्द लिखने वालों के होश उड़ जायें, रोशनी को क़ानून संगत न्याय देना ही होगा।’’
सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुए वीडियो में रोशनी कुशल जायसवाल को यह कहते सुना जा सकता है, "मैं वही रोशनी कुशल जायसवाल हूं जिसने 15 सितंबर को बलात्कार की धमकी देने वाले भाजपा समर्थक राजेश सिंह पर एक थप्पड़ जड़ा था. इसके बाद मुझ पर 307 सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर दिया गया है, जिसके चलते मैं 40 दिन से फरार हूं." उन्होंने कहा, ‘‘मैं हर महिला से हाथ जोड़कर के निवेदन करना चाहती हूं
आप अगर दुष्कर्म की धमकी झेल रही हैं तो आवाज मत उठाइएगा. पति और घरवालों से कहिएगा कि हाथ में चूड़ी पहनकर बैठ जाएं, आवाज उठाएंगे, तो जेल जाएंगे हालांकि कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने आरोप लगाया कि बहन रोशनी को मोदी जी एवं योगी जी की नीतियों का विरोध करने के कारण भाजपा एवं स्थानीय प्रशासन के हाथों कोप का भाजन बनना पड़ रहा हैं तथा स्थानीय प्रशासन घटना को बढ़ा-चढ़ा कर एकपक्षीय कार्यवाही कर रहा है।