नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार को भी कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने जोर देकर बोला कि किसी ने भी गंभीरता से इस मुद्दे को नहीं समझा। इसके ऊपर लगातार जल रही पराली से भी सर्वोच्च अदालत खासा नाराज नजर आई।
असल में सुप्रीम कोर्ट इस बात से नाराज था कि केंद्र सरकार के पैनल कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने पराली जलाने को लेकर अपनी बैठक में कोई चर्चा नहीं की। कोर्ट ने कहा कि 3 साल पहले हमने आदेश दिया था कि प्रदूषण करने वाले पर मुकदमा चलना चाहिए, लेकिन आप तो आज तक काफी नरम हैं, ऐसा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है। इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सफाई दी कि सख्ती इस वजह से नहीं की गई क्योंकि प्रदूषण में कमी आ रही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस सफाई से संतुष्ट नहीं हुआ। उसने आंकड़े बताते हुए कहा कि इस साल पराली जलाने की 129 घटना रिपोर्ट हुई हैं, लेकिन किसी भी मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, ना कोई एक्शन लिया गया। अब केंद्र की कमेटी से तो सवाल हुए ही, पंजाब सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट से फटकार पड़ी। राज्य सरकार से पूछा गया कि आपके राज्य में ही 129 प्रणाली जलाने की घटना हुई है, आपकी राजनीतिक मजबूरियां हो सकती हैं, लेकिन कोई एक्शन ना लेना काफी निराशाजनक है। आप अभी तक यह भी सुनिश्चित नहीं कर पाए कि किसान मशीनों को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
पंजाब के वकील ने इस पर कहां कि छोटे किसानों को काफी समस्या रहती है। हम चाहते हैं उन्हें दिल्ली से सब्सिडी मिल जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस बात से खफा होकर पूछा कि आखिर दिल्ली से क्यों सब्सिडी चाहिए। इस पर पंजाब के वकील का तर्क रहा प्रदूषण दिल्ली का है, ऐसे में अगर केंद्र इजाजत देगा तो दिल्ली सरकार से पैसे मिल सकते हैं।