उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) मदरसों के बाद मकतब यानी छोटे बच्चों को दीनी तालीम ((धार्मिक शिक्षा)) देने वाले मदरसे सरकार के रडार पर हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) गैर-मान्यता प्राप्त मकतबों की जांच करेगी। पश्चिम यूपी के सहारनपुर के 118, शामली के 190 और मुजफ्फरनगर के 165 मकतबों की लिस्ट ATS ने बनाई है। इस संबंध में एटीएस को खुफिया इनपुट मिले थे, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी यह कार्रवाई शुरू की है। सहारनपुर मंडल के कुल 473 मकतबों की जांच देवबंद की ATS करेगी। देवबंद ATS ने सहारनपुर मंडल के तीनों अल्पसंख्यक अधिकारियों से रिकॉर्ड मांगे हैं।
अधिकारी ने कही ये बात
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि हमसे जो भी सूची मांगी गई थी, वो हमने दे दी है। सहारनपुर से 118 मकतब की सूची तैयार कर ATS को दी गई। इसमें कुछ की जांच पूरी हो चुकी है और शासन को भी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। इससे पहले सरकार ने यूपी के मदरसों का सर्वे कराया था। 20 अक्टूबर 2022 को यूपी में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है। 1 महीने 5 दिन तक हुए सर्वे में प्रदेश में करीब 8441 मदरसे ऐसे मिले हैं, जिनकी मान्यता नहीं थी। सबसे ज्यादा मुरादाबाद में 550, बस्ती में 350 और मुजफ्फरनगर में 240 मदरसे बिना मान्यता मिले हैं। वहीं, लखनऊ में 100 मदरसों की मान्यता नहीं है। साथ ही प्रयागराज-मऊ में 90, आजमगढ़ में 132 और कानपुर में 85 से ज्यादा मदरसे गैर-मान्यता प्राप्त मिले हैं।
जांच के लिए ATS ने 8 बिंदु किए तैयार
मदरसा और मकतब की जांच के लिए एटीएस ने 8 बिंदु तैयार किए हैं, जिस पर गहनता से जांच की जा रही है। जिसमें संबंधित मदरसा या मकतब कब से संचालित किए जा रहे हैं, इन्होंने मान्यता क्यों नहीं ली? और सबसे अहम कि इन केंद्रों को संचालित करने के लिए धन कहां से मिल रहा है? इन बिंदु पर एटीएस जोरशोर से जांच करने में जुटी है।
यूपी में इतने मान्यता प्राप्त मदरसे
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने 2017 से मान्यता देना बंद कर दिया है। सर्वे के दौरान कई मदरसा संचालकों ने अफसरों को मान्यता नहीं होने की यही वजह बताई है। मदरसा प्रबंधकों का कहना है कि सभी दस्तावेज देने के बाद भी मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में वह दीनी तालीम देने के लिए मदरसा संचालित कर रहे हैं। सरकार के अनुसार प्रदेश में फिलहाल 15 हजार 613 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।