नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) नीट यूजी के जरिए केवल डॉक्टर ही नहीं नेवी में भी ऑफिसर बनने का रास्ता खुल जाता है. इसके लिए नीट यूजी में अच्छे रैंक लाने के बाद आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC) में एडमिशन मिलता है. यहां से पढ़ाई करने वाले सेना, नेवी और एयरफोर्स में ऑफिसर बन जाते हैं. आज ऐसे ही एक नेवी के ऑफिसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यहां से पढ़ाई करके कई बड़े पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. इसके साथ वह आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विस (AFMS) की पहली महिला डायरेक्टर जनरल बनी हैं. इनका नाम आरती सरीन हैं.
सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन ने आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विस (AFMS) के डायरेक्टर जनरल के रूप में पदभार ग्रहण किया. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ वह इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं. DGAFMS, रक्षा मंत्रालय के अधीन सशस्त्र बलों की चिकित्सा नीति से जुड़े सभी मामलों के लिए जिम्मेदार है. आरती सरीन ने इससे पहले DG चिकित्सा सेवा (नौसेना), DG चिकित्सा सेवा (वायु) और प्रतिष्ठित आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC), पुणे के निदेशक और कमांडेंट जैसे प्रमुख पदों पर कार्य किया है.
AFMC से की पढ़ाई
वाइस एडमिरल आरती सरीन ने आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (AFMC), पुणे से ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने दिसंबर 1985 में आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विस (AFMS) में शामिल हुईं. उन्होंने रेडियोडायग्नोसिस में MD की डिग्री AFMC से प्राप्त की और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई से रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड की डिग्री हासिल की. इसके अलावा, उन्होंने पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय से गामा नाइफ सर्जरी में विशेषज्ञता प्राप्त की.
अहम पदों पर दे चुके हैं अपनी सेवाएं
अपनी 38 वर्षों की सेवा के दौरान आरती सरीन कई शैक्षणिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया, जिनमें आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) और कमांड हॉस्पिटल (दक्षिणी कमान)/AFMC पुणे में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की प्रमुख के रूप में सेवा करना शामिल है. उन्होंने INHS अश्विनी की कमान भी संभाली और भारतीय नौसेना के दक्षिणी और पश्चिमी नौसेना कमान में कमांड मेडिकल ऑफिसर के रूप में भी कार्य किया है. उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सेवा करने का अद्वितीय अवसर प्राप्त हुआ है. एडमिरल आरती सरीन सेना में लेफ्टिनेंट से लेकर नौसेना में सर्जन वाइस एडमिरल और वायुसेना में एयर मार्शल के रूप में सेवाएं दी हैं. उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए,
जिनमें 2024 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2021 में विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं. इसके अलावा, उन्हें 2017 में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ प्रशस्ति, 2001 में चीफ ऑफ नेवल स्टाफ प्रशस्ति, और 2013 में जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ प्रशस्ति से भी सम्मानित किया गया है. हाल ही में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए सुरक्षित कार्य परिस्थितियों और प्रोटोकॉल बनाने के लिए नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. साथ ही, वह सशस्त्र बलों में महिलाओं को प्रेरित करने के लिए एक प्रमुख चेहरा रही हैं और सरकार की नारी शक्ति पहल की प्रतीक मानी जाती हैं.