लखनऊ : (मानवी मीडिया) रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रोटेस्ट दूसरे दिन भी जारी है। KGMU में 50 घंटे से ज्यादा की भूख हड़ताल पर चल रहे डॉक्टरों ने प्रोटेस्ट मार्च निकाला। लोहिया अस्पताल की OPD में मरीजों की लंबी लाइन लगी है। भर्ती मरीजों के साथ-साथ अस्पताल पहुंच रहे मरीजों कोलकाता मामले को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यूपी के टॉप मेडिकल चिकित्सा संस्थान, SGPGI में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि यहां के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने मरीजों के हित में इमरजेंसी सहित सभी अनिवार्य चिकित्सीय सेवाओं को जारी रखने की बात कही है, पर मरीजों की परेशानी कम नही हो रही। कई डिपार्टमेंट में मरीजों को इलाज नहीं मिलता दिख रहा है।
SGPGI में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब पढ़िए 4 मरीजों और तीमारदारों की बेबस कहानी.. वाराणसी के संजय यादव की भाभी लालिमा यादव का ब्रेन ट्यूमर का ऑपेरशन होना है। सोमवार यानी 14 अक्टूबर को ही भर्ती करने की डेट दी गई थी। समय से पहुंचे भी, पर कहा गया कि अगले दिन यानी मंगलवार को पूरी तैयारी के साथ आना है। मंगलवार सुबह एक बार फिर मरीज सहित वो अस्पताल पहुंचे। फाइल लगाया पर थोड़ी देर बाद ये कहते हुए वापस कर दिया गया कि जाओ, डॉक्टरों की हड़ताल है, अब एक सप्ताह बाद आना। संजय पूछते हैं कि कब स्ट्राइक खत्म होगी, इसका जवाब भी उन्हें नहीं मिलता। वो कहते हैं कि सर्जरी टाल दी गई पर उनका पेशेंट बेहद सीरियस है।
वाराणसी से भाभी का इलाज कराने पहुंचे संजय यादव। फर्रुखाबाद की रीना को भी नही मिला इलाज फर्रुखाबाद से पत्नी रीना देवी को दिखाने आए विनोद कुमार कहते हैं कि गैस्ट्रो सर्जरी डिपार्टमेंट में उन्हें पत्नी को दिखाना था। OPD में सुबह ही आकर लाइन लगा लिए थे। फाइल जमा हुई पर थोड़ी देर बाद फिर वापस मिल गई।
बताया गया कि हड़ताल हैं, आज इलाज नही मिलेगा। विनोद कहते हैं कि इससे पहले पहली अक्टूबर को भी आना हुआ था पर तब भी इलाज नही मिल पाया था। अब फिर फर्रुखाबाद से आना हुआ। यहां आने के बाद बगल में 300 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से बगल में एक कमरा किराए पर लेते। इतनी दूर से आने जाने पर किराए के साथ खाने पीने का खर्च अलग से। सारे पैसे खर्च हो जा रहे हैं, पर इलाज नही मिल रहा। कब डॉक्टर मिलेंगे, इसका भी नही पता, बाद में जब इलाज शुरू होगा, तब बिना पैसे के कैसे इलाज होगा।