राज्यपाल की अध्यक्षता में महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली का 22वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Monday, October 14, 2024

राज्यपाल की अध्यक्षता में महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली का 22वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न


लखनऊ : (मानवी मीडिया उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली का 22वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय परिसर में डिजीटल लर्निंग हब, इण्टरनेशनल ट्रांजिट हॉस्टल एवं इन्क्यूबेशन पायलट फैसेलिटी के भवनों का शिलान्यास भी किया। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने 94 मेधावियों को स्वर्ण पदक वितरित किए, जिसमें 70 छात्राएं एवं 24 छात्र शामिल हैं। कुल 187 शोध उपाधियाँ प्रदान की, जिसमें 69 छात्राएं एवं 118 छात्र शामिल हैं। छात्राओं द्वारा अधिकांश स्वर्ण पदक की प्राप्ति पर उन्होंने कहा कि छात्राओं की तरक्की यह दर्शाती है कि 21वीं सदी महिलाओं की सदी है। उन्होंने छात्रों को भी अच्छे प्रदर्शन हेतु प्रेरित किया। 


दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियो को सम्बोधित करते हुए कुलाधिपति जी ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता में माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान होता है। इसलिए जीवन में आगे बढ़ने हेतु उनका आशीर्वाद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से माँ हमारी सेवा करती है, हमें भी उनकी सेवा करनी चाहिए। राज्यपाल जी ने कहा कि जीवन का उद्देश्य सिर्फ धनोपार्जन नहीं बल्कि समाज की भलाई हेतु कार्य करना भी होता है। इस क्रम में उन्होंने प्रसिद्ध उद्योगपति एवं टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष, पद्मविभूषण श्री रतन टाटा के जीवन से सीख लेने हेतु विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने उन्हें पशु प्रेमी तथा समाज की भलाई हेतु कार्य करने वाला बताया और कहा कि विद्यार्थियों को उनसे प्रेरणा लेकर जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय को गुजरात के गिर स्थित एनीमल हास्पिटल के साथ एम0ओ0यू0 करने की सलाह दी।  


राज्यपाल ने कहा कि वर्ष-2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए युवाओं को अपनी अहम भूमिका निभाने की आवश्यकता है क्योंकि भारत को वैश्विक मंच पर जो पहचान मिल रही है, उसका श्रेय युवाओं की ऊर्जा, जोश और उत्साह को जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज की सेवा से बड़ा और कुछ नहीं होता है। उन्होंने विश्वविद्यालय को नैक में ‘ए प्लस प्लस‘ तथा एन0आई0आर0एफ0 में अच्छी रैंक लाने के लिए बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का यह प्रयास निरंतर चलते रहना चाहिए। 


उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह तकनीक निश्चित तौर पर बहुत अच्छी है, लेकिन हमें इसका प्रयोग उस सीमा तक ही करना चाहिए, जहाँ तक ये आवश्यक है क्योंकि इस पर ज्यादा निर्भरता हमारे व्यक्तित्व के विकास को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे अपनी दिशा से भटक जाते हैं।

 
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ऐसी बहुत से योजनाएं चलाई जा रही हैं जो विद्यार्थी हित में हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के बजट में शिक्षा हेतु 1.48 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया हैै। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के लिये बजट में 19,025 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। ऐसे विद्यार्थी, जो किसी सरकारी योजना के पात्रता में नहीं आते है, प्रतिवर्ष ऐसे 1 लाख विद्यार्थियों को 10 लाख रूपये तक के ऋण की ब्याज में छूट के लिये प्रावधान किया गया है। अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की शीर्ष कंपनियों में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मॉडल कौशल ऋण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 25 हजार विद्यार्थियों को 7.5 लाख रूपये तक का ऋण प्रदान किया जायेगा। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए०आई०) के तीन नये केन्द्र स्थापित करने हेतु 255 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। बजट में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पी०एम० उषा) हेतु 1,814.94 करोड़ रूपये तथा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना 1,558 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के लिये पहली बार 100 करोड़ रूपये प्रावधान किया गया है। विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन०आई०आर०एफ०) के लिये 5 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं। हर विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि इन योजनओं के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दे जिससे कि ये उनका लाभ उठा सकें।

 

इस अवसर पर राज्यपाल ने 200 आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु आंगनबाड़ी किट का भी वितरण किया, जिसमें 100 आंगनबाड़ी किट विश्वविद्यालय द्वारा एवं 100 आंगनबाड़ी किट जिला प्रशासन सम्भल के सौजन्य से वितरित किया गया। उन्होंने आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के लिए हेल्थ किट प्रदान करते हुए कहा कि इसके प्रयोग से बच्चों में स्वच्छता की आदत एवं संस्कार विकसित होगा।

 इस अवसर पर राज्यपाल जी द्वारा विश्वविद्यालय के सौजन्य से प्राथमिक स्तर से लेकर इंटरमीडिएट स्तर तक के 36 विद्यार्थियों को स्कूल बैग प्रदान किए गए और इसके साथ ही पोषण पोटली और पुस्तकें भी वितरित की र्गइं। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गावों के उन प्रतिभागी विद्यार्थियों को राज्यपाल जी द्वारा पुरस्कृत किया गया, जिन्होंने चित्रकला, भाषण और कहानी कथन की प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया। 


इसके साथ-साथ राजभवन की ओर से 08 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी कुलाधिपति जी द्वारा पाठ्य पुस्तकें उपहार स्वरूप प्रदान की गई। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्रों, लिखी गईं कहानियांे तथा भाषण का संकलन कुल 6 दस्तावेजो के रूप में किया गया जिसका विमोचन राज्यपाल जी द्वारा किया गया। इसके साथ ही साथ कुलाधिपति जी ने प्रशस्ति-पत्र देते समय भी बच्चों से संवाद भी स्थापित किया।

Post Top Ad